हे भगवान ये कैसी गलती: ICU में भर्ती जिंदा मरीज को मरा समझ हटा दिया वेंटिलेटर, नजारा देख हर किसी के उड़े होश

ग्वालियर से अब जो मामला सामने आया है वह लापरवाही की हद पार करने वाला है। जहां हॉस्पिटल के स्टॉफ को एक मृत मरीज का वेंटिलेटर हाटना था, लेकिन उसकी जगह सीरियस हालत में भर्ती जिंदा मरीज का वेंटिलेटर हटा दिया। खबर मिलते ही वेटिंग रूम में बैठे परिजनों को जब इस बारे में पता चला तो उनके होश उड़ गए।
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 2, 2022 11:41 AM IST / Updated: Mar 02 2022, 05:44 PM IST

ग्वालियर (मध्य प्रदेश). आए दिन डॉक्टरों की लापरवाही किस्से सामने आते रहते हैं। लेकिन ग्वालियर से अब जो मामला सामने आया है वह लापरवाही की हद पार करने वाला है। जहां हॉस्पिटल के स्टॉफ को एक मृत मरीज का वेंटिलेटर हाटना था, लेकिन उसकी जगह सीरियस हालत में भर्ती जिंदा मरीज का वेंटिलेटर हटा दिया। खबर मिलते ही वेटिंग रूम में बैठे परिजनों को जब इस बारे में पता चला तो उनके होश उड़ गए।

काफी देर तक बिना ऑक्सीजन के पड़ा रहा मरीज
दरअसल, यह शर्मनाक मामला ग्वालियर-चबंल के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल का है। जहां कुछ दिन पहले मुरैना के शिवकुमार उपाध्याय (40) भर्ती हुए थे। उनको  लकवा के साथ ब्रेन हेमरेज हुआ था। इसलिए उनको आईसीयू में एडमिट कराया गया था। उसकी सीरियस हालत में ट्रीटमेंट चल रहा था। लेकिन वॉर्ड बॉय ने उसे मृत समझकर उसे वेंटिलेटर से हटा दिया। वह काफी देर तक बिना ऑक्सीजन के पड़ा रहा। जिंदगी और मौत से झूझ रहा था। हालांकि उनको फिर से वेंटिलेटर पर लगा दिया गया है।  

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मरीज को देखकर परजिनो के उड़ होश
बता दें कि अस्पताल में भर्ती दूसरे मरीज के परिजनों ने  शिवकुमार के बाहर बैठे परिजनों को बतयाया तो उनके होश उड़ गए। वह जब भागे-भागे आईसीयू में आए तो मरीज को देखकर उनके पैरों तले की जमीन खिसक गई। इसके बाद वह हंगामा करने लगे। इस दौरान उन्होंने कहा की कुछ देर पहले सब ठीक था। लेकिन ऐसे कैसे हमारे जिंदा मरीज को वेंटिलेटर को हटा दिया। इसके बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ सीनियर डॉक्टरों के साथ पहुंचे और उन्होंने किसी तरह मामला शांत कराया। इसके बाद वार्ड बॉय को तुरंत हटा दिया गया। वहीं आईसीयू में ड्यूटी कर रहीं नर्सों को भी हटाने की बात चल रही है।

5 दिन पहले जिंदा को बता दिया था मृत
जयारोग्य अस्पताल का यह शर्मनाक मामला हैरान करने वाला है। जबकि एक सप्ताह पहले ही इसी अस्पताल से दो जिंदा मरीजों को मृत बता दिया गया था। शुक्रवार को ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों ने जिंदा महिला जामवती (31) को मृत बताकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। जबकि वह जिंदा थी। ये बात अलग है कि दूसरे दिन उसकी मौत हो गई थी। 

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