जन्मदिन पर मां को याद कर भावुक हो गए PM मोदी, कहा- मां के पास नहीं गया, आज लाखों माताएं आशीर्वाद दे रही हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के श्योपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मां हीराबेन को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि समय मिलने पर मैं जन्मदिन के अवसर पर मां के पास जाकर उनका आशीर्वाद लेता था। इस बार नहीं जा सका।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 17, 2022 11:04 AM IST / Updated: Sep 17 2022, 04:40 PM IST

श्योपुर। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। जन्मदिन के अवसर पर वह अपनी मां हीराबेन के पास जाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं, लेकिन इस साल मां के पास नहीं जा सके। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को छोड़ने के बाद नरेंद्र मोदी कराहल में आयोजित महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में शामिल हुए। 

सभा में वह अपनी मां को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा, "अगर मेरे जन्मदिन पर कोई कार्यक्रम नहीं रहता तो मैं अपनी मां के पास जाता, उनके चरण छूकर आशीर्वाद लेता। आज मैं अपनी मां के पास नहीं जा सका, लेकिन आज जब मेरी मां देखेगी कि मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल की लाखों माताएं मुझे आशीर्वाद दे रही हैं, तो उनको जरूर संतोष होगा।"

चार कौशल केंद्रों का किया लोकार्पण
नरेंद्र मोदी ने महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री योजना के तहत चार कौशल केंद्रों का लोकार्पण किया। सभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की बहनों ने कोरोना काल में लाखों मास्क बनाए। आजादी के 75वें अमृत वर्ष में आपने असंख्य तिरंगे बनाकर देश को गौरवान्वित किया।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछली सदी के भारत और वर्तमान नया भारत में नारी शक्ति के रूप में बहुत बड़ा अंतर है। न्यू इंडिया में महिलाएं पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक झंडा फहरा रही हैं। हर जगह महिलाएं काम कर रहीं हैं। उन्होंने कहा, "माताएं और बहनें मेरी ताकत और प्रेरणा हैं।"

स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं 8 करोड़ से अधिक बहनें 
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस भी सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है उस क्षेत्र में सफलता अपने आप तय हो जाती है। स्वच्छ भारत अभियान की सफलता इसका बेहतरीन उदाहरण है। पिछले 8 वर्षों में स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने में हमने हर प्रकार से मदद की है। आज पूरे देश में 8 करोड़ से अधिक बहनें इस अभियान से जुड़ी हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर ग्रामीण परिवार से कम से कम एक बहन इस अभियान से जुड़े। 

गांव की अर्थव्यवस्था में महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने और उनके लिए नई संभावनाएं बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' के माध्यम से हम हर जिले के लोकल उत्पादों को बड़े बाज़ारों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

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बेटियों के लिए बंद दरवाजे खुले
पीएम ने कहा कि सितंबर का महीना देश में पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। भारत की कोशिशों से संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटे अन्नाज के वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है। देश में 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर, 9 करोड़ से ज्यादा उज्जवला के गैस कनेक्शन देकर और करोड़ों परिवारों को नल से जल देकर केंद्र सरकार ने आपका जीवन आसान बनाया है।

उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से ही देश महिलाओं की गरिमा बढ़ाने और महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में जुटा हुआ है। शौचालय के अभाव में जो दिक्कतें आती थीं, रसोई में लकड़ी के धुएं से जो तकलीफ होती थी, वो आप अच्छी तरह जानती हैं। महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण उन्हें समाज में भी उतना ही सशक्त करता है। हमारी सरकार ने बेटियों के लिए बंद दरवाजे को खोल दिया है। बेटियां अब सैनिक स्कूलों में भी दाखिला ले रही हैं, पुलिस कमांडो भी बन रही हैं और फौज में भी भर्ती हो रही हैं।

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