इंदौर में राजपूताना संघ द्वारा आयोजित शस्त्र पूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आरक्षण के विरोध का सामना करना पड़ा। सीएम के सामने एक शख्स ने तेज आवाज में आरक्षण के खिलाफ आवाज उठा दी। इसके बाद सिक्योरिटी हरकत में आई और शख्स को बाहर ले गई। हालांकि उसका आरोप है कि उसे बाथरूम में बंद कर दिया गया था।
इंदौर, मध्य प्रदेश. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को इंदौर में राजपूताना संघ द्वारा आयोजित शस्त्र पूजन में शामिल होने पहुंचे थे। इसी दौरान एक शख्स ने आरक्षण के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी। इसके बाद कार्यक्रम में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। उस शख्स को फौरन सुरक्षाकर्मी बाहर लेकर चले गए। उस शख्स ने आरोप लगाया कि उसे बाथरूम में बंद कर दिया गया था। इसके बाद सीएम ने मंच से अपना भाषण दिया और वहां से चले गए। सीएम ने यह भी कहा कि उनका यहां आने का कोई कार्यक्रम नहीं था। उन्हें कई जगह जाना है, लेकिन बुलावे पर चले गए। वहीं, आरक्षण का विरोध कर रहे शख्स ने कहा कि जब उपचुनाव हैं, तो सीएम को हमारे वोटों की चिंता सता रही है।
कार्यक्रम में सांवेर से भाजपा प्रत्याशी तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, मंत्री ऊषा ठाकुर, विधायक आकाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला सहित और भी कई बड़े नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मालवा के छत्रिय राजपूत समाज की महिलाएं भी शामिल हुईं।
सीएम को वादा याद दिलाया...
आरक्षण का विरोध कर रहे मनोहर रघुवंशी ने कहा कि जब 2018 में चुनाव थे, तब शिवराज सिंह ने कहा था कि उन्हें सामान्य वर्ग का वोट नहीं चाहिए। अब उप चुनाव में हमारे ही मंच पर आकर भाषण दे रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद ही सपाक्स पार्टी अस्तित्व में आई थी। शख्स ने खुले शब्दों में कहा कि सीएम को अब चुनाव हारने का डर सता रहा है। शख्स ने आरोप लगाया कि उसके साथ पुलिसकर्मियों ने झूमाझटकी की। इस बीच राजपूताना संघ की सरला सोलंकी ने भी आरक्षण का विरोध किया। उन्होंने कहा कि पढ़ने-लिखने के बावजूद उनके बच्चों को नौकरी नहीं मिल रही हैं। उन्होंने सीएम से जातिगत आरक्षण खत्म करने की मांग की। सोलंकी ने कहा कि जिस दिन आरक्षण खत्म होगा, उस दिन रामराज्य आएगा।
सीएम ने की घोषणा..
इस आपाधापी के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में मनुआभान की टेकरी पर पद्मावती का भव्य स्मारक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा पद्मावती पर बनी विवादास्पद फिल्म पर मप्र में सबसे पहले बैन लगाया गया था। शिवराज ने कहा कि इस विरोध से जुड़े क्षत्रिय समाज के नौजवानों पर लगे सभी केस वापस होंगे। सीएम ने घोषणा करते हुए कहा कि अगले साल से रानी पद्मावती को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा। वहीं, महाराणा प्रताप शौर्य पुरस्कार और रानी पद्मावती के नाम पर भी 2 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।