सीनियर साधे-सब सधे: दो महीने के मंथन के बाद शिवराज सरकार की फौज में ईजाफा

गुरुवार को शिवराज सिंह सरकार की टीम में ईजाफा हो गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंत्रिमंडल विस्तार में जगह पाने वाले मंत्रियों को शपथ दिलाई। 20 मार्च को कमलनाथ सरकार गिरने के बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद 21 अप्रैल को शिवराज सिंह ने 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई थी। टीम बढ़ाने में 71 दिन जद्दोजहद चली। दरअसल, सबसे बड़ा पेंच शिवराज सरकार की पहली सरकार में रहे पुराने साथियों को लेकर असमंजस और ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के लोगों को समायोजित करना था।

Asianet News Hindi | Published : Jul 2, 2020 3:39 AM IST / Updated: Jul 02 2020, 12:04 PM IST

भोपाल, मध्य प्रदेश. आखिरकार शिवराज सिंह सरकार को अपनी टीम बढ़ाने का अवसर मिल ही गया। 71 दिनों चले मंथन के बाद शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल का गुरुवार को विस्तार हो गया। मप्र की प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नये मंत्रियों को शपथ दिलाई। इससे पहले हाईकमान से चले विचार-विमर्श के बाद बुधवार को प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे बुधवार को भोपाल पहुंच गए थे। उनके साथ सीएम निवास में मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत के बीच गहरी मंत्रणा हुई। कुछ सीनियरों को फिर से मंत्रिमंडल में जगह देकर आलाकमान ने विद्रोह के सुर साध लिए।

नई टीम में पुराने और नये लोगों में गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवड़ा, बिसाहूलाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह एंदल सिंह कंसाना और बृजेंद्र प्रताप सिंह को कैबिनेट में जगह दी गई है। इससे पहले शिवराज ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को 20 कैबिनेट और 8 राज्यमंत्रियों की लिस्ट सौंपी थी। विश्वास सारंग को भी फिर से मौका दिया गया है। उनके नाम को लेकर पहले ऊहापोह की स्थिति थी। 

कैबिनेट मंत्री: गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवड़ा, बिसाहूलाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह, एंदल सिंह कंसाना, बृजेंद्र प्रताप सिंह, विश्वास सारंग, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, ओम प्रकाश सकलेचा, उषा ठाकुर, प्रेम सिंह पटेल, हरदीप सिंह डंग, महेंद्र सिंह सिसोदिया, अरविंद सिंह भदौरिया, डॉ. मोहन यादव और राज्यवर्धन सिंह।

राज्यमंत्री: भारत सिंह कुशवाह, इंदर सिंह परमार, रामखिलावन पटेल, रामकिशोर कांवरे, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोदिया, सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदौरिया।

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