मां की गोद में बैठ गरबा देख रही बच्ची के सिर में लगी गोली, खोपड़ी से निकला खून का फव्वारा और मौत

 इंदौर से रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां गरबा कार्यक्रम में के दौरान एक 11 साल की सिर पर गोली लगने से मौत हो गई। मासूम अपने माता-पिता के साथ गरवा देखने गई थी। जिस वक्त यह हादसा हुआ वो मां की गोदी में बैठी थी।

Arvind Raghuwanshi | Published : Oct 6, 2022 4:31 AM IST

इंदौर, मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। जहां गरबा कार्यक्रम में एक 11 साल की बच्ची को सिर में गोली लगने से मौत हो गई। मासूम को जैसे ही गोली लगी सिर से खून का फव्वारा निकला और वह मां की गौद में गिर गई। पूरा शरीर उसका खून से लथपथ हो गया। मां के कपड़े भी बेटी के खून से सन चुके थे। परिजन आनन फानन बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

मां की गोद में बैठी थी बच्ची और सिर में समा गई गोली
दरअसल, यह मामला इंदौर के  हीरा नगर थाना क्षेत्र के मां शारदा नगर का है। जहां 11 साल की बच्ची माही शिंदे मां रक्षा और पिता संतोष शिंदे के साथ गरबा देखने के लिए गई हुई थी। वह अपनी मां की गोद में बैठी हुई थी। इसी दौरान उसके सिर में कुछ ऐसी जीच लगी जिससे खून बहने लगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्ची के सिर में और कुछ नहीं गोली ही लगी है। हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि गोली किसने और क्यों चलाई। बच्ची ने 12 घंटे तड़पने के बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया।

गरबा के पास वाले छत से चलाई ये गोली  
इस घटना के बाद इंदौर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस मामले में घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुट गई है। वहीं मामले की जांच कर रहे थाना हीरा नगर उपनिरीक्षक कमल किशोर ने बताया कि अगर गोली चलने से बच्चे की मौत हुई है तो। जल्द ही उस आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले में पुलिस की छानबीन जारी है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह गोली ने किसी ने कार्यक्रम स्थल के आसपास वाले छत से चलाई है। देसी कट्टे से यह गोली निकली है।

डॉक्टरों ने बताई रिपोर्ट...सिर में गोली नहीं लगा कुछ और...
वहीं मेडीकल टीम और एफएसएल टीम ने जब मेडिकल सिटी स्कैन की तो पता चला कि बच्ची के सिर में मेटल जैसा पार्ट मिला है।
फिलहाल उसके बारे में निश्चित तौर पर कहना मुश्किल है कि यि टुकड़ा किस चीज का है। जो बच्ची के दिमाग में दो से तीन इंज अंदर घुसा था। प्राथमिक जांच के लेवल पर हम इसे गोली नहीं कह सकते हैं। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर जितेन्द्र तोमर और पीएस ठाकुर ने बताया कि आमतौर पर पिस्टल या राइफल से गोली चलने के बाद वह पोल या अन्य किसी वस्तु से टकराकर अपनी दिशा बदल देता है, इसे रिकोचिट कहा जाता है। ऐसे में बुलेट की स्पीड और तेज हो जाती है। जिसके कारण ऐसी घटनाएं हो जाती हैं।
 

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