सावधान: 5वीं क्लास के बच्चे ने एक टारगेट में कर लिया सुसाइड, मां से कहा था-देखो मम्मी ऐसे लगाते हैं ना फांसी

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक बेहद दिल को झकझोर कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां एक 5वीं क्लास के बच्चे ने  फ्री फायर गेम के चलते सुसाइड कर लिया। मासूम पहले भी ऐसी ही घटना को अंजाम देने की कोशिश कर चुका है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 13, 2022 5:30 AM IST

भोपाल (मध्य प्रदेश). बच्चों के सिर पर ऑनलाइन गेम का भूत इस कदर सवार है कि उनको नहीं पता होता है कि यह कितना खतरनाक है। कईयों की तो यह गेम जिंदगी की खत्म करने के लिए मजबूर कर देता है। यानि इसने युवाओं का भी पूरी तरह से जीवन तहन-नहस कर दिया है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक बेहद दिल को झकझोर कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां एक 5वीं क्लास के बच्चे ने  फ्री फायर गेम के चलते सुसाइड कर लिया। मासूम पहले भी ऐसी ही घटना को अंजाम देने की कोशिश कर चुका है। इतना ही नहीं बच्चे ने फंदा लगाते वक्त मां से बोला था, देखो मम्मी ऐसे फांसी लगाते हैं। उन्हें लगा बेटा यह मजाक कर रहा है, लेकिन क्या पता था कि यह उसकी जिंदगी खत्म कर देगा।

टीवी देखते-देखते जिंदगी खत्म करने का फैसला किया
दरअसल, यह दुखद घटना भोपाल के शंकराचार्य नगर बजरिया इलाके की है। यहां के निवासी योगेश ओझा के 11 साल का बेटा सूर्यांश  पांचवी क्लास में पढ़ता था। वह सेंट जेवियर स्कूल अवधपुरी का स्टूडेंट था। बुधवार दोपहर वह घर में अपने चचेरे भाई आयुष के साथ टीवी देख रहा था, लेकिन अचानक वह दूसरी मंजिल के छत पर गया, इसके बाद जब आयुष आया तो सूर्यांश फंदे पर लटका मिला। आनन-फानन में उसने परिवार के सदस्यों को बुलाया। किसी तरह उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

गेम फाइटर की ड्रेस भी ऑनलाइन बुलवा ली थी
मासूम के परिजनों ने बताया कि सूर्यांश को ऑनलाइन गेम खोलना बेहद पसंद था। वह हर समय अपने मोबाइल और टीवी पर फायर फ्री खेलता रहता था। उसको गेम खेलने का इतना शौक था कि उसने गेम फाइटर की ड्रेस भी ऑनलाइन ऑर्डर कर बुलवा ली थी। जब हम उसे गेम खेलने के लिए मना कर देते तो वह रोने लगता था और तरह-तरह की हरकते करता था। पुलिस ने बच्चे का मोबाइल जब्त कर लिया है। साथ वह मोबाइल की जांच करेंगे, कहीं उसे गेम में टारगेट तो नहीं दिया गया था।

पहले भी कर चुका था सुसाइड की कोशिश
 पिता योगेश ओझा ने बताया कि सूर्यांश उनका इकलौता बेटा था, इसलिए हम उसको ज्यादा दुखी नहीं देख सकते थे। लेकिन हमें नहीं पता था कि हमारी अनदेखी और उसका शौक इतना सब कर जाएगा। उन्होंने बताया कि उसने 3 महीने पहले भी सुसाइड करने की कोशिश की थी। हालांकि समय रहते हुए बच्चे की मां ने उसे देख लिया और यह कदम उठाने से रोक लिया। तब से उसे मोबाइल देना बंद कर दिया था। लेकिन वो अपने दादा से चालाकी से फोन ले लेता था। 

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