मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा-सरकार प्रदेश में होने वाले लोकल इलेक्शन बिना ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के कराए। साथ ही निर्देश दिए हैं कि 15 दिन के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए।
भोपाल. मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के OBC आरक्षण के मामले की सुनवाई पूरी कर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना दिया है। जिससे अब चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट ने मंगलवार को जारी किए अपने आदेश में कहा है कि 5 साल में चुनाव कराना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। इसलिए प्रदेश सरकार अब 2 सप्ताह के अंदर इसकी अधिसूचना जारी करे। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का परीक्षण किया जाएगा। चुनावों में ओबीसी को आरक्षण मिले इसके लिए रिव्यू पिटिशन दाखिल की जाएगी।
याचिकाकर्ता के तर्कों के सुप्रीम कोर्ट ने सही माना
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा-ओबीसी आरक्षण के लिए तय शर्तों को पूरा किए बिना आरक्षण नहीं मिल सकता। अभी राज्य सरकार सिर्फ SC/ST आरक्षण के साथ ही चुनाव कराए। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला याचिकाकर्ता जया ठाकुर और सैयद जाफर की याचिका पर सुनाया है। वहीं अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत और नगरीय निकाय जल्द कराए जाने संबंधी हमारी याचिका पर चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। हमारे तर्कों को सही माना गया है।
आयोग ने OBC को 35% आरक्षण देने की सिफारिश की थी
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी। जिसके बाद कोर्ट ने इस पर फैसला कर अपने पास सुरक्षित रख लिया था। आयोग के जरिए दी गई रिपोर्ट में OBC को 35% आरक्षण देने की सिफारिश की थी। लेकिन, ओबीसी की आबादी को लेकर प्रस्तुत रिपोर्ट को कोर्ट ने अधूरा माना है। आयोग ने दावा किया था कि प्रदेश में 48 प्रतिशत मतदाता पिछड़ा वर्ग के हैं। सरकार से ओबीसी के लिए 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित करने के लिए संविधान संशोधन का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा है। लेकिन राज्य सरकार OBC आरक्षण को लेकर कोर्ट के आदेश अनुसार ट्रिपल टेस्ट नहीं करा सकी। जिससे बाद अदालत ने अपने आदेश में कहा कि OBC आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने के लिए और समय नहीं दिया जा सकता है। इसलिए अब बिना आरक्षण के ही लोकल बॉडी इलेक्शन होंगे।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा-हम रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे
अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ओबीसी आरक्षण को लेकर अभी सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आया है। अभी हमने विस्तृत अध्ययन नहीं किया है। ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत चुनाव हों, इसके लिए रिव्यू पिटीशन दायर करेंगे और पुन: आग्रह करेंगे कि स्थानीय चुनाव, स्थानीय निकायों के चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ हों।