Teacher Day 2022: खुद की संतान नहीं थी तो स्कूली बच्चों को मान लिया अपनी औलाद, एक आइडिया से बदल दिया पूरा गांव

Published : Sep 05, 2022, 08:30 AM IST
Teacher Day 2022: खुद की संतान नहीं थी तो स्कूली बच्चों को मान लिया अपनी औलाद, एक आइडिया से बदल दिया पूरा गांव

सार

मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के भैंसदेही इलाके की एक मैडम अरुणा के कारण पूरे गांव में शिक्षा को लेकर लोग जागरुक हो गए हैं। अब हर पैरेंट्स अपने बच्चे को छोड़ने स्कूल जाते हैं और पढ़ाई के लिए मोटिवेट करते हैं। 

बैतूल. देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher’s Day 2022) को मनाया जाता है। इस दिन छात्र अपने जीवन में शिक्षक के महत्व को को याद करते हुए उन्हें गिफ्ट देते हैं। ऐसे में हम आपको एक ऐसे टीचर के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने अपने एक छोटे से प्रयास से स्कूल और छात्रों के साथ-साथ पूरे गांव को ही बदल दिया। अब इस शिक्षक को काम को पूरा गांव सैल्यूट कर रहा है। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में शिक्षका अरुणा के कारण आज पूरे गांव में शिक्षा को लेकर जागरुकता फैली हुई है।

स्कूटी वाली मैडम कहकर पुकारते हैं बच्चे
अरुणा को गांव वाले और बच्चे स्कूटी वाली मैडम कहकर पुकारते हैं। क्योंकि ये मैडम 17 बच्चों को रोज अपनी स्कूटी में बैठाकर स्कूल पहुंचाती हैं और उन्हें घर भी पहुंचाती हैं। इसका असर ये हुआ कि गांव के सभी पैरेंट्स अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर जागरूक हुए और ज्यादातर लोग अब बच्चों को खुद ही स्कूल पहुंचाते हैं। 

दरअसल, मामला बैतूल जिले के भैंसदेही का है। यहां से स्कूल की दूरी महज 2 किमी है। मासूम बच्चों को पैदल स्कूल जाना पड़ता था। जिस कारण से छोटे बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया था और स्कूल बंद होने की कगार पर था। ऐसे में अरुणा महाले ने बच्चों को स्कूल पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाई। उन्होंने बच्चों को स्कूल पहुंचाने के काम अपनी स्कूटी से शुरू किया। 

स्कूल आने लगे बच्चे
मैडम के इस काम से स्कूल में बच्चों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ कर 85 हो गई। हर रोज अरुणा अपनी स्कूटी लेकर कच्चे पक्के रास्तों से होते हुए स्कूल ले लाती हैं और फिर उन्हें वापस भी छोड़ती हैं। इसका खर्च हो खुद से उठाती हैं।

अपने पैसे से देती हैं सामग्री
अरुणा अपने खर्च से बच्चों को पढ़ने के लिए आवश्यक सामग्री भी देती हैं। ग्रामीणों के अनुसार, उन्होंने अपनी सैलरी से एक अतिथि शिक्षक भी रखा है। अरुणा की कोई संतान नहीं है जिस कारण से वो स्कूल के सभी बच्चों को अपनी संतान मानकर उनकी आवश्यकता पूरी करती हैं। अब ग्रामीण भी उनके इस काम में भागीदारी कर रहे हैं और बच्चों को स्कूल जाकर पढ़ाई के लिए मोटिवेट करते हैं।

इसे भी पढ़ें-  MP में बड़े बदलाव की तैयारी: शिवराज के सामने 2 चुनौतियां, क्या फिर बढ़ेगा ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद

PREV

मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

MP: सिवनी में क्रैश हुआ ट्रेनी विमान, हाईटेंशन लाइन से टकरा खेत में गिरा, 90 गांव अंधेरे में डूबे
CM मोहन यादव ने खजुराहो में बताया 3 साल का प्लान, किए कई बड़े फैसले