मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में दो दिन बाद बुधवार को फिर से बाघ की मौजूदगी के साक्ष्य मिले हैं। इसके बाद वन विभाग ने संस्थान के परिसर में अपनी गश्त और बढ़ा दी है।
भोपाल(Madhya Pradesh). मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में दो दिन बाद बुधवार को फिर से बाघ की मौजूदगी के साक्ष्य मिले हैं। इसके बाद वन विभाग ने संस्थान के परिसर में अपनी गश्त और बढ़ा दी है। वहीं दानिश पहाड़ी पर भी एक व्यक्ति ने बाघ को देखने का दावा किया है। हालांकि जब खोजबीन की गई तो दोनों ही स्थानों पर बाघ नहीं मिला है।
गौरतलब है कि मैनिट के परिसर में 10 दिन पहले पहली बार बाघ की मौजूदगी के साक्ष्य मिले थे। इसकी पहचान युवा बाघ टी-1234 के रूप में हुई थी। इस बाघ ने मैनिट परिसर में चार मवेशियों पर हमला भी किया था, जिसमें से एक की मौत हो गई थी। इसके बाद वह दिखाई नहीं दे रहा था। बुधवार तड़के उसके फिर से फुटप्रिंट्स मिले हैं। हालांकि बाघ का मूवमेंट मैनिट के हास्टल व मुख्य भवन से करीब एक किलोमीटर दूर तालाब के किनारे बताया जा रहा है।
छुट्टी की मांग कर रहे छात्र
गौरतलब है कि मैनिट परिसर में बाघ की हलचल से छात्रों में भी दहशत व्याप्त है। इसके चलते परिसर के भीतर छात्रावास में रहने वाले छात्र हॉस्टल से बाहर ही नहीं निकल रहे हैं। क्लास में भी छात्रों की उपस्थिति भी घट गई। इसके चलते मैनिट प्रबंधन ने यूजी के छात्रों की छुट्टियां घोषित कर दी हैं। वहीं पीजी के छात्र भी छुट्टियों की मांग कर रहे हैं। बाघ की दहशत के कारण पीजी के छात्र भी यूजी के छात्रों की तरह छुट्टियां चाहते हैं। वहीं डीएफओ आलोक पाठक का कहना है कि बाघ अपने इलाके में घूम रहा है, सुरक्षा की दृष्टि से गश्त बढ़ा दी है।