छत्तरपुर जिले में चार माह से बंद पड़े पिपरमेंट प्लांट में जहरीली गैस की वजह से दम घुटने के कारण दो चचेरे भाइयों की मौत हो गई। उनको बचाने के लिए 6 लोग और उसमें घुस गए, लेकिन वह भी बेहोश हो गए। फिर एक बहादुर युवक ने अपनी बहादुरी और फुर्तीले अंदाज में 6 लोगों को वहां से जिंदा बचा लाया।
छतरपुर (मध्य प्रदेश). छतपरपुर जिले के एक गांव में उस समय मातम पसर गया जब दो चचेरे भाइयों की एक साथ मौत हो गई। दोनों की मौत चार महीने से बंद पड़े पिपरमेंट प्लांट में जहरीली गैस के कारण दम घुटने से हुई। वहीं इस हादसे में छह अन्य युवक बेहोश हो गए। जिनको एक युवक की बहादुरी की वजह से बचा लिया गया।
जैसे ही दोनों नीचे उतरे और चली गई जान
दरअसल, पिपरमेंट की भट्टी को जुलाई के महीने में बंद कर दिया गया था। जिसको फिरसे चालू करने की तैयारी चल रही थी। इसी सिलसिले में शिवम प्लांट की सफाई करने के उद्देश्य से उसके अंदर घुस तो गया लेकिन कुछ देर बाद उसकी कोई हलचल नहीं हुई। फिर उसको देखन के लिए चचेरा भाई चरण पटेल भी उतर गया और दोनों की मौत हो गई।
जान जोखिम में डालकर बचाई 6 लोगों की जान
दोनों को बचाने के लिए पास के खेतों में काम कर रहे छह युवक एक-एक करके प्लांट में घुस गए। जहां वह नीचे उतरते ही बेहोश हो गए। वहां मौजूद एक युवक भागवत पटेल ने अपनी जान जोखिम में डालकर छह लोगों को जिंदा निकाल लिया। जहां दो का अस्पताल में इलाज जारी है।
फुर्तीले अंदाज में प्लांट में उतरा गया वो
यह बहादुर युवक अपनी समझदारी और फुर्तीले अंदाज में कपड़े से मुंह-नाक ढंककर और एक रस्सी लेकर नीचे उतरा। फिर उसने अपनी कमर में रस्सी को बांधकर एक-एक करके 6 लोगों को बाहर निकला। अगर जरा सी भी देरी हो जाती तो इस हादसे में छह लोगों की और जान जा सकती थी