
भिंड (मध्य प्रदेश). चंबल का नाम सुनते ही जिहन में सिर्फ डाकु और गोलियों की गूंज सुनाई देने लगती है। जहां करीब-करीब हर घर का मर्द अपने कंधे पर शान से बंदूक टांगे रहता है। लेकिन चूल्हा-चौका संभालने वाली यहां की महिलाएं भी अब मंर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलकर चल रही हैं। वह भी वक्त आने पर बंदूक थाम लेती हैं। इसी बीच भिंड कलेक्ट्रेट ऑफिस से एक अनोखा सीन देखने को मिला, जहां एक महिला कंधे पर राइफल टांग चेहरे पर मुस्कान लिए पहुंची थी।
महिला का हौसला देख हर कोई दंग
दरअसल, कंधे पर बंदूक थामे कलेक्ट्रेट पहुंचने वाली इस महिला का नाम नीरज जोशी है, जो कि अटेर क्षेत्र की रहने वाली है। वह हाल ही में अपनी लाइसेंस रिन्यूल कराने के लिए पहुंची हुई थी। ऐसे में जिस किसी ने महिला के कंधों पर राइफल देखा वह हैरान थे। हर कोई दंग रह गया। कोई उसकी फोटो लेने लगा तो किसी ने उसका वीडियो बनाकर शेयर किया।
इस वजह से बंदूक रहती है महिला
महिला ने बंदूक थामने की वजह बताते हुए कहा कि बीते चार साल पहले उसके पति की मौत हो गई थी। ऐसे में उसके परिवार में बुज़ुर्ग सास-ससुर और तीन बच्चे हैं। जिनके साथ वह बीहड़ में रहती है। जहां अक्सर डाकुओं का मूवमेंट होता रहता है। इसलिए अपने परिवार की सुरक्षा की खातिर उसे बंदूक रखना पड़ती है। क्योंकि यहां लोग जरा-जरा सी बात पर बंदूक तान लेते हैं। हर समय यहां पर गुंडे बदमाशों का भी डर सताता रहता है। काम के अलावा पूरे परिवार कीसुरक्षा की जिम्मेदारी भी खुद मैं उठा रही हूं।
बीहड़ में इतने लोगों के पास है लाइंलेसी बंदूक
बता दें कि भिंड जिले में नीरज एक मात्र महिला है जिसके पास आर्म्स लाइसेंस है। हालांकि अभी और भी कई महिलाओं ने कलेक्ट्रेट में लाइंलेस के लिए आवेदन कर रखा है। कह सकते हैं कि नीरज के अलावा और भी कई महिलाओं के कंधे पर बदूंक नजर आने वाली है। वहीं इस मामले पर भिंड जिले में आर्म्स शाखा प्रभारी और अपर कलेक्टर प्रवीण कुमार फुलपगारे ने बताया कि फिलहाल जिले में करीब 23500 आर्म लाइसेंस दिए गए हैं। जिसमें राइफल, पिस्टल आदि शामिल हैं। इनमें से अधिकत ऐसे में ज्यादातर लाइसेंसधारी समूह पुरुष वर्ग का है .लेकिन इनमें 140 आर्म्स लाइसेंस महिलाओं के नाम दर्ज हैं।
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