सच्ची प्रेम कहानी: 56 साल दोस्त की तरह साथ रहे पति-पत्नी, फ्रेंडशिप डे के दिन दोनों की 24 घंटे के अंदर मौत

मध्‍य प्रदेश के व‍िद‍िशा से एक अनोखी और सच्ची प्रेम कहानी सामने आई है। जहां बुजुर्ग पति-पत्नी 56 सालों तक दोस्त की तरह साथ रहे। साथ-जीने मरने की कसमें खाईं। सयोंग से दोनों  24 घंटे के भीतर दुनिया को अलविद कह गए।

Asianet News Hindi | Published : Aug 8, 2022 7:37 AM IST / Updated: Aug 08 2022, 02:21 PM IST

विदिशा (मध्य प्रदेश). पति-पत्नी का रिश्ता सबसे अटूट होता है, जो प्यार और विश्वास की डोर से बंधा रहता है। दोनों शादी के 7 फेरे लेकर पूरी जिंदगी साथ जीने मरने की खसमें खाते हैं। कुछ ऐसी ही अनोखी और दुख घटना मध्‍य प्रदेश के व‍िद‍िशा शहर में देखने को मिली। जहां एक बुजुर्ग दंपत्ति ने 55 सालों तक एक-दूसरे का हर सुख-दुख में साथ न‍िभाया। जब तक रहे प्रेमियों और दोस्तों की तरह साथ रहे और जब दुनिया छोड़ने की बात आई तो दोनों एक ही दिन कुछ घंटों के अंतराल पर अलविदा कह गए। यानि  फ्रेंडशिप डे पर एक का निधन हुआ तो दूसरे ने कुछ ही देर बाद प्राण त्याग दिया।

अंतिम सफर भी दोनों एक साथ चले...
दरअसल, हम बात कर रहे हैं विदिशा शहर के नंदवाना क्षेत्र में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति 82 वर्षीय कमला देवी और 87 वर्षी राधाकिशन माहेश्वरी की। जहां दोनों ने महज 24 घंटे के भीतर अपनी देहत्याग दी। कमला देवी की शनिवार सुबह मृत्यु हो गई थी। पत्नी के निधन की खबर से पति राधाकिशन अंजान थे। नहीं पता था कि अब उन्हें हुजूर साहब करने वाली पत्नी अब इस दुनिया में नहीं रही। क्योंकि राधाकिशन लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह कई दिन से बिस्तर पर थे। जबकि कमला देवी का पार्थिव शरीर रखा हुआ था। लेकिन जैसे ही उनको यह पता लगा तो वह फफक-फकर रोने लगे। अंतिम संस्कार होन से पहले रविवार की तड़के सुबह करीब 4.30 बजे राधाकिशन की भी पत्नी के वियोग में मौत हो गई।

दोनों में अटूट प्रेम और मित्रता का भाव कभी नहीं हुआ विवाद...
बता दें कि मृतक दंपत्ति को कोई संतान नहीं थी। फिर भी दोनों ने एक दूसरे में ही पूरा परिवार समझकर पूरी जिंदगी को प्रेम और आनंद से जिया। वह दोनों एक दोस्त की तरह साथ रहते थे। दोनों में अटूट प्रेम और मित्रता का भाव था। उनको देखकर नहीं लगता था कि वह पति-पत्नी हैं। कभी भी दोनों के बीच कोई विवाद नहीं हुआ। लोग उनके बीच का प्यार देखकर मिसाल देते थे। शायद इसी सच्चे प्रेम के चलते वह एक साथ अग्नि में समाहित हो गए। उनके रिश्तेदारों ने दोनों की अंतिम यात्रा एक साथ उत्सव की तरह निकाली। अर्थी को विशेष रूप से सजाया गया और दंपती के पार्थिव शरीर एक साथ जोड़े में रखकर मुक्तिधाम ले जाया गया। इसके बाद दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार भी किया गया।

हुजूर साहब पहले में जाऊंगी...आप मेरे पीछे आ जाना
बता दें कि सच्ची प्रेम की मूरत राधाकिशन और कमला देवी में अक्सर इसी बात पर शर्त लगती थी की पहले में इस दुनिया को छोड़ूंगा। राधाकिशन कहते थे कि देख लेना पहले ही जाऊंगा। जबकि कमला देवी का हर बार एक ही जवाब होता था कि हुजूर साहब पहले में जाऊंगी। आपकी इसमें नहीं चलने वाली है। हां अगर लगे तो आप मेरे पीछे से आ जाना। संयोग की बात देखो विधाता को भी शायद यही मंजूर था। तभी तो कमला देवी की पहले मृत्यू हुई और कुछ देर बाद पति ने भी अपनी देह त्याग दी।

यह भी पढ़ें-टीआई साहब! तोता ने मेरा जीना मुश्किल कर दिया...मुझे देख सीटी बजाता है, पुलिस से बोला-प्लीज मेरा दर्द समझिए
 

Share this article
click me!