टीका लगते ही नवजात को आया बुखार और फिर काला पड़ता गया हाथ, अगर हाथ काटना पड़ा, तो कौन जिम्मेदार?

डॉक्टरों को भगवान का दर्जा प्राप्ता है। लेकिन कुछ डॉक्टरों की लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ जाती है। इस नवजात के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। इस बच्चे ने मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के अस्पताल में 26 अगस्त को जन्म लिया है। बच्चे के जन्म के बाद उसे टीका लगाया गया। लेकिन कहा जा रहा है कि इंजेक्शन एक्सपायरी डेट का था, लिहाज बच्चे को इंफेक्शन हो गया और उसका हाथ काला पड़ गया। नौबत हाथ काटने तक की आ गई है। जानिए पूरी कहानी..

Asianet News Hindi | Published : Sep 10, 2020 4:51 AM IST

विदिशा, मध्य प्रदेश. यह नवजात अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से गंभीर इंफेक्शन की चपेट में आ गया है। जन्म के बाद लगने वाले एक्सपायरी डेट के टीके के कारण ऐसा हुआ है। हालांकि डॉक्टर इससे इनकार कर रहे हैं। कारण का पता तो जांच के बाद ही चलेगा, लेकिन इंफेक्शन के कारण बच्चे का हाथ काला पड़ गया है। नौबत उसे काटने की आ गई है। यह सुनकर बच्चे के मां-बाप का कलेजा फटा पड़ा है। डॉक्टरों को भगवान का दर्जा प्राप्ता है। लेकिन कुछ डॉक्टरों की लापरवाही जिंदगी पर भारी पड़ जाती है। इस नवजात के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। इस बच्चे ने मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के अस्पताल में 26 अगस्त को जन्म लिया है। 


विधायक ने लिखा स्वास्थ्य विभाग को पत्र

भोपाल स्थित कमला नेहरू अस्पताल और हमीदिया के डॉक्टरों ने जांच के बाद बच्चे का हाथ काटने की बात कही है। मां-बाप मासूम के हाथ को बचाने डॉक्टरों के चक्कर काट रहे हैं। इस मामले को लेकर स्थानीय विधायक शशांक भार्गव ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर बच्चे का इलाज कराने की बात कही है। साथ ही बच्चे के ट्रीटमेंट में लापरवाही बतरने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी उठाई गई है। परिजनों ने कलेक्टर का शिकायत देकर इस मामले में डॉक्टरों की लापरवाही बताई है।

परिजनों ने लगाए डॉक्टरों पर आरोप
ग्यारसपुर तहसील के लोहर्रा गांव के रहने वाले मनोज सोन ने कलेक्टर को दिए शिकायती आवेदन में कहा कि वे अपनी पत्नी को डिलेवरी के लिए 24 अगस्त को विदिशा के अस्पताल लेकर गए थे। 26 अगस्त को बच्चे का जन्म हुआ। उस वक्त बच्चा पूरी तरह स्वस्थ्य था। लेकिन टीका लगने के बाद उसे बुखार आया और हाथ काला पड़ता गया। इसके बाद बच्चे को 5 दिनों तक आईसीयू में भर्ती रखा गया। भोपाल के डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि यह एक्सपायरी डेट का इंजेक्शन देने के कारण हुआ। इस संबंध में विदिशा अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. संजय खरे ने कहा कि उनके अस्पताल में एक्सपायरी डेट के इंजेक्शन नहीं है। अगर इसमें किसी की लापरवाही होगी, तो जांच कराएंगे।

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