ये स्पेशल लेडी पुलिस टीम हर केस को करती सॉल्व, जिले को टॉप पर पहुंचाया.. SP से चौकी प्रभारी तक महिला

 इन महिला पुलिस अफसरों की बदौलत बैतूल जिले ने मप्र में पहला जिला बनते हुए टॉप रैंकिंग हासिल की है। जहां पर जनवरी महीने में गुम हुईं 89 फीसदी बालिकाओं को लेडी पुलिस ने कड़ी मेहनत से ढूंढ निकाला और उनके माता-पिता तक सुरक्षित पहुंचाया। 


बैतूल (मध्य प्रदेश). 8 मार्च यानि आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। जो नारी शक्ति को सलाम करते हुए महिलाओं की उपलब्धियों को सेलिब्रेट किया जाता है। वह आज हर मोर्चे पर पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। चाहे फिर लड़ाकू विमान उड़ाने की बात हो या फिर खेल के मैदान की। वह संघर्ष करते हुए उन बुलंदियों को छूकर अपनी मिसाल कायम कर रही हैं। मध्य प्रदेश का आदिवासी क्षेत्र बहुल्य बैतूल इस समय अपनी लेडी पुलिस अफसरों के लिए चर्चा में बना हुआ है। जहां एसपी, एएसपी, एसडीओपी, टीआई, आरआई और चौकी प्रभारी तक की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। आइए जानते हैं इस महिला शक्ति के बारे में जिन्होंने एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

ड्यूटी के बाद बन जाती हैं सहेलियां
दरअसल, इन महिला पुलिस अफसरों की बदौलत बैतूल जिला मप्र में पहला जिला बनते हुए टॉप रैंकिंग हासिल की है। जहां पर जनवरी महीने में गुम हुईं 89 फीसदी बालिकाओं को लेडी पुलिस ने कड़ी मेहनत से ढूंढ निकाला और उनके माता-पिता तक सुरक्षित पहुंचाया। इन महिला पुलिस कर्मचारियों का आपसी सामंजस्य ऐसा है कि पुरुष अफसर भी देखकर हैरत में पड़ जाते हैं। काम के समय वह अधिकारी और कर्मचारी हैं, लेकिन ड्यूटी खत्म होते ही वह सहेलियों की तरह नजर आती हैं।

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पुरुषों के मुकाबले कम समय में सॉल्व करती हैं केस
बता दें कि पुलिस मुख्यालय ने इस जिले को सी-ग्रेड में रखा है। बैतूल जिले में कुल 17 थाने हैं जिसमें  897 पुलिसकर्मी पदस्थ हैं। जिसमें से 113 यानी 12.59 फीसदी महिला पुलिसकर्मी हैं। आदीवासी बहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां आए दिन नाबालिगों से जुड़े अपराध होते रहते हैं। खास तौर से बच्चियों का अपहरण होना आम बात है। एडीजी अन्वेष मंगलम ने बताया कि जिले की महिला अफसरों को जो जिम्मेदारी दी जाती वह उसे पुरुषों के मुकाबले कम समय में हल कर लेती हैं। जिले में इसके चलते काफी बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

कांस्टेबल से लेकर  DSज के पद पर महिला अफसर
बैतूल जिले में डीएसपी महिला सेल में पल्लवी गौर DSP के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं। वहीं मुल्ताई में एसडीओपी के पद पर नमृता सोंधिया अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं। वहीं भैंसदेही में तरन्नुम खान टीआई के रूप में तैनात हैं। साथ ही डीएसपी (एजेके-2) के पद पर संध्या रानी हैं तो आरआई पुलिस लाइन में मनोरमा बघेल तैनात हैं। खेड़ी में चौकी प्रभारी प्रीति पाटिल भी इन महिला अफसरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सभी क्राइम तरह के केस को सॉल्व करती हैं।
 

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