हरियाणा की बजाय महाराष्ट्र में बीजेपी का ज्यादा जोर, पीएम मोदी की 10 तो अमित शाह की 20 सभाएं

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता  शरद पवार, कांग्रेस और आणि मनसे से निपटने के लिए भाजपा ने महाराष्ट्र में मोदी-शाह के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल की रणनीति बनाई है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 2, 2019 6:27 AM IST / Updated: Oct 02 2019, 04:13 PM IST

मुंबई (Mumbai). भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। लगता है महाराष्ट्र की सत्ता में वापसी के। लिए पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर जनता के बीच जाने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक भाजपा ने नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की राज्य में ज्यादा से ज्यादा सभाएं करने का फैसला किया है। जल्द ही महाराष्ट्र में प्रचार वार देखने को मिल सकता है।

महाराष्ट्र के साथ साथ हरियाणा में भी विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। लेकिन हरियाणा की बजाय महाराष्ट्र पर पार्टी का  ज्यादा ध्यान है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता  शरद पवार, कांग्रेस और आणि मनसे से निपटने के लिए भाजपा ने महाराष्ट्र में मोदी-शाह के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल की रणनीति बनाई है। जानकारी के मुताबिक भाजपा की यह रणनीति राज्य में विपक्ष के सामने अपनी सहयोगी पार्टी शिव सेना से बढ़त भी लेने की है। महाराष्ट्रात प्रचारासाठी आणण्याचा निर्णय घेतला आहे।

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प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाड़ी और एमआईएम का गठबंधन टूटने की वजह से चुनाव में कांग्रेस को फायदा मिलता दिख रहा है। चुनाव में भाजपा के लिए हुए ये बदलाव नुकसानदाई है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी पूरी ताकत झोकने के लिए तैयार है।

महाराष्ट्र में मोदी की कितनी सभाएं
महाराष्ट्र की अहमियत के मद्देनजर राज्य में प्रधानमंत्री की 10 सभाएं करने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक अमित शाह की 20 सभाएं आयोजित की जाएंगी।ये सभाएं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, चंद्रकांत पाटील, पंकजा मुंडे, मंगल प्रभात लोढा, आशिष शेलार, गिरीश महाजन और राज्य के दूसरे ताकतवर बीजेपी नेताओं के क्षेत्र में होंगी।

विधानसभा चुनाव के साथ सतारा में लोकसभा का उपचुनाव भी हो रहा है। भाजपा की ओर से उदयनराजे भोसले उम्मीदवार हैं। जानकारी के मुताबिक उदयन राजे के।प्रचार के लिए भी मोदी और शाह की सभाएं आयोजित की जाएंगी। राज्य में पुणे, नागपुर, नवी मुंबई, पनवेल में शिवसेना के एक भी उम्मीदवार नहीं हैं। जानकारी के मुताबिक इन इलाकों में भाजपा बड़े नेताओं की ज्यादा से ज्यादा सभाएं कर सत्ता वापसी के लिए रास्ता आसान करने की कोशिश में है।

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