विपक्ष का दावा: महाराष्ट्र में PM मोदी की रैली के लिए काटे गए पेड़, BJP ने ये जवाब दिया

पुणे भाजपा इकाई की अध्यक्ष माधुरी मिसाल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पेड़ों के काटने का प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि बारिश में दो पेड़ गिर गए थे। उस मैदान में छात्र खेलते हैं, यह उनकी सुरक्षा का विषय हो सकता है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 15, 2019 1:26 PM IST

पुणे: महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 17 अक्टूबर को होने वाली रैली के लिए पुणे के सर परशुराम कॉलेज परिसर में कुछ पेड़ सोमवार को काट दिए गए। प्रधानमंत्री की रैली इसी कालेज के मैदान में होनी है।

जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग- सांसद वंदना चव्हाण

कॉलेज के अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि खतरनाक तरीके से लटक रहीं कुछ शाखाएं काटी गई हैं। ऐसा वहां खेलने वाले छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। उसका प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है। राकांपा सांसद वंदना चव्हाण ने आरोप लगाया कि जिस मैदान में रैली होनी है, उसके बाहर लगे कुछ पेड़ों को कॉलेज प्रशासन द्वारा काटे गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें मिली जानकारी के अनुसार, पेड़ों को तने से काटा गया है जो अस्वीकार्य है।’’ उन्होंने इस इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए काटे पेड़

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की नेता रूपाली पाटिल ने भी कहा कि पेड़ काटे गए हैं। उन्होंने दावा किया कि लोगों ने पेड़ों को काट दिया क्योंकि उन्हें लगता है कि पेड़ों से प्रधानमंत्री की रैली में बाधा आएगी। हालांकि, पुणे भाजपा इकाई की अध्यक्ष माधुरी मिसाल ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पेड़ों के काटने का प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं है। वह कॉलेज का संचालन करने वाली शिक्षण प्रसारक मंडली के ट्रस्टियों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि हाल की बारिश में दो पेड़ गिर गए थे। उस मैदान में छात्र खेलते हैं, यह उनकी सुरक्षा का विषय हो सकता है। इसलिए हमने पुणे नगर निगम के उद्यान विभाग से कुछ पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी।

उन्होंने कहा कि अनुमति मिलने के बाद पेड़ों को काटा गया। इसका प्रधानमंत्री की रैली से कोई संबंध नहीं है क्योंकि रैली के लिए मंच ऐसे स्थान पर बनाया जा रहा है जो वहां से दूर है जहां कुछ पेड़ काटे गए हैं। दोनों चीजें अलग हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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