ईमानदारी की मिसाल: 200 रुपए की उधारी चुकाने 22 साल बाद इंडिया आया केन्या का एक सांसद

केन्या के सांसद रिचर्ड न्यागका टोंगी 1985 से 1989 तक महाराष्ट्र के औरंगाबाद के मौलाना आजाद कॉलेज में पढ़े। यहां के काशीनाथ मार्तंडराव की दुकान से वे सामान खरीदते थे। यहां उधारी चुकाने वे आए थे।

Asianet News Hindi | Published : Jul 12, 2019 7:07 AM IST / Updated: Jul 12 2019, 03:39 PM IST

ओरंगाबाद, महाराष्ट्र। कहते हैं कि कलयुग में अच्छाइयां टिक नहीं पातीं। बुराइयां तेजी से पनपती हैं, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि; बुराइयां लाख सही, लेकिन एक अच्छाई उस पर भारी पड़ती है। केन्या के एक सांसद ने ईमानदारी और मानवीय मूल्यों की एक अनूठी मिसाल पेश की है। 22 साल बाद ही सही, लेकिन वे यहां के एक दुकानदार की 200 रुपए की उधारी चुकाने इंडिया आए।

-केन्या के सांसद और विदेश मामलों की समिति के उपाध्यक्ष रिचर्ड न्यागका टोंगी 1985 से 1989 तक महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मौलाना आजाद कॉलेज में पढ़े हैं। वे कॉलेज के पास ही वानखेड़ेनगर में किराए के कमरे में रहते थे। यहीं पर काशीनाथ मार्तंडराव की दुकान थी। टोंगी उनसे सामान लेते थे। इससे उनके पास 200 रुपए की उधारी हो गई।

-टोंगी अभी केन्या में न्यारीबरी चाची निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बने। पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए केन्या का शिष्टमंडल भारत आया था। टोंगी भी इसमें शामिल थे। दिल्ली का कार्यक्रम निपटाकर टोंगी 22 साल पुराना कर्ज चुकाने अपनी पत्नी मिशेल के साथ औरंगाबाद पहुंचे।

-जब टोंगी और काशीनाथ की मुलाकात हुई, तो दोनों भावुक हो उठे। टोंगी ने कहा कि काशीनाथजी ने उनकी तब मदद की, जब वो संघर्ष कर रहे थे।

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