अमित शाह ने मुंबई पहुंच उद्धव ठाकरे पर बोला हमला, बोले-ठाकरे ने किया विश्वासघात, सबक सिखाया गया

2019 में विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना व बीजेपी का गठबंधन टूट गया। मुख्यमंत्री के पद को लेकर दोनों दलों में यह दरार आई। इसके बाद शिवसेना ने शरद पवार की एनसीपी व कांग्रेस के साथ महा विकास अघाड़ी बनाकर सरकार बनाई।

Dheerendra Gopal | Published : Sep 5, 2022 4:16 PM IST

Amit Shah takes on Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र दौरे (Maharashtra visit) पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर सीधा हमला बोला है। शाह ने बीजेपी की मीटिंग में कहा कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को धोखा दिया है और उनको सबक सिखाया जाना चाहिए। शाह ने कहा कि राजनीति में हम सबकुछ बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन विश्वासघात नहीं। शिवसेना का विभाजन केवल उद्धव ठाकरे की लालच की वजह से हुआ है। 

शिवसेना के बिखरने में केवल उद्धव दोषी

अमित शाह ने कहा कि शिवेसना का बिखराव या विभाजन सिर्फ उद्धव ठाकरे की वजह से हुआ है। ठाकरे की लालच की वजह से पार्टी में ही विरोध शुरू हो गया था। वह पार्टी के मूल सिद्धांतों से भटक गए थे। बीजेपी से विश्वासघात करना उनके लिए भारी रहा। उन्होंने कहा कि विश्वासघात करने वालों को सबक सीखाना जरुरी था। यही कारण है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई। एकनाथ शिंदे का विद्रोह, उद्धव की लालच की वजह से था। बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार शाह ने कहा कि ठाकरे ने न केवल बीजेपी को धोखा दिया बल्कि अपनी विचारधारा के साथ भी धोखा किया है। महाराष्ट्र के लोगों के जनादेश का अपमान किया है।

कभी भी उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री का वादा नहीं किया

अमित शाह ने कहा कि बीजेपी के साथ जब शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे गठबंधन में थे, तब भी हमने कभी उनको मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया था। उन्होंने कहा कि बीजेपी बंद कमरों में बात नहीं करती है बल्कि हम जो भी करते हैं खुलेआम और सबके सामने करते हैं।

निकाय चुनावों में हम एकतरफा जीतेंगे

शाह ने कहा कि राजनीति में धोखा देने वालों को जनता कभी जनादेश नहीं देती है। उद्धव ठाकरे को जनता ही दंडित करेगी। उन्होंने कहा कि मुंबई निकाय चुनावों में बीजेपी गठबंधन मिशन 150 के लक्ष्य को हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में बीजेपी व असली शिवसेना गठबंधन बीएमसी चुनाव में 150 सीटों के लक्ष्य को पार करेगी। बता दें कि बृहन्मुंबई कॉरपोरेशन देश का सबसे अमीर नगर निकाय है, जिसे भाजपा लंबे समय से नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है।

2019 में शिवसेना अलग हुई थी बीजेपी से

दरअसल, शिवसेना व बीजेपी का कई दशक पुराना गठबंधन 2014 के बाद से असहज होने लगा था। 2014 में सीटों को बंटवारे को लेकर दोनों दलों में खींचतान मची लेकिन बाद में समझौता हो गया। लेकिन 2019 में विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना व बीजेपी का गठबंधन टूट गया। मुख्यमंत्री के पद को लेकर दोनों दलों में यह दरार आई। इसके बाद शिवसेना ने शरद पवार की एनसीपी व कांग्रेस के साथ महा विकास अघाड़ी बनाकर सरकार बनाई। इस गठबंधन में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनें। हालांकि, बीते दिनों एकनाथ शिंदे ने बीजेपी की शह पर बगावत कर दी। चालीस से अधिक विधायकों को तोड़ने के बाद उद्धव सरकार गिर गई। एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के समर्थन से बीते दिनों मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। पूर्व सीएम व बीजेपी के सीनियर लीडर देवेंद्र फडणवीस को उप मुख्यमंत्री बनाया गया।

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