औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर तो उस्मानाबाद बना धाराशिव, जानें अब तक किन-किन शहरों के नाम बदले जा चुके

महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच उद्धव सरकार ने हिंदुत्व कार्ड खेल दिया है। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में उद्धव सरकार ने महाराष्ट्र के दो बड़े शहरों औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम भी बदल दिया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 29, 2022 1:19 PM IST / Updated: Jun 29 2022, 07:13 PM IST

मुंबई। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच उद्धव सरकार ने हिंदुत्व कार्ड खेला है। कैबिनेट बैठक में उद्धव सरकार ने महाराष्ट्र के दो बड़े शहरों औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने को मंजूरी दे दी है। औरंगाबाद का नाम अब संभाजी नगर हो जाएगा। वहीं उस्मानाबाद अब धाराशिव के नाम से जाना जाएगा। इतना ही नहीं, उद्धव कैबिनेट ने इसके अलावा नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम डीवाई पाटिल एयरपोर्ट कर दिया है। 

बता दें कि उद्धव ठाकरे की कैबिनेट मीटिंग के दौरान लिए गए इस फैसले से कांग्रेस के दो मंत्री वर्षा गायकवाड़ और असलम शेख नाराज हो गए। दोनों ही बैठक छोड़कर बाहर चले गए। वैसे, शहरों के नाम बदलने का काम पहली बार नहीं हुआ है। पहले भी कई शहरों के नाम बदले जा चुके हैं। 

कब-कब बदले किन-किन शहरों के नाम : 
1995 से लेकर अब तक देश के कई शहरों के नाम बदले जा चुके हैं। इनमें सिलिकॉन वैली के नाम से मशहूर रहे बैंगलोर से लेकर उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े रेल यार्ड रहे मुगलसराय तक का नाम शामिल है। 

मुंबई : 
सालों पहले मुंबई शहर को मुंबा देवी के नाम से जाना जाता था, जो कि यहां स्थति मुंबा देवी के नाम पर रखा गया था। बाद में औरंगजेब के शासन काल में इस शहर को बॉम्बे कहा जाने लगा, जो अंग्रेजों के समय में भी रहा। 1995 में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर इस शहर का नाम मुंबई कर दिया।

चेन्नई : 
1996 में मद्रास का नाम बदलकर चेन्नई कर दिया गया। इससे पहले अंग्रेजों ने मद्रास का नाम मद्रासपट्टनम से बदलकर मद्रास रखा था। आज भी चेन्नई में मद्रासपट्टनम नाम से मछुआरों का एक मोहल्ला है। 

कोलकाता : 
2001 में पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता का नाम बदलकर कोलकाता कर दिया गया। कलकत्ता को अंग्रेज Calcutta कहते थे। बाद में इसे बांग्ला भाषा के मुताबिक कोलकाता कर दिया गया। 

बैंगलोर : 
नवंबर 2014 में बैंगलोर का नाम बदलकर बेंगलुरु किया गया। इसके अलावा कर्नाटक के 12 दूसरे शहरों के भी नाम बदले गए। इनमें मैसूर को मैसूरु और मैंगलोर को मेंगलुरु कर दिया गया। इन शहरों के नाम बदलने के पीछे कन्नड़ भाषा के सही उच्चारण का तर्क दिया गया। 

राजमुंदरी : 
अक्टूबर, 2015 में राजमुंदरी का नाम बदलकर राजा महेंद्र वर्मन किया गया। यह बदलाव 11वीं सदी के शासक राजा महेंद्र वर्मन के सम्मान में किया गया।

गुड़गांव : 
अप्रैल, 2016 में दिल्ली एनसीआर में आने वाले गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम कर दिया गया। महाभारत के गुरु द्रोणाचार्य के नाम पर यह बदलाव किया गया। इसके साथ ही मेवात का नाम बदलकर नूंह कर दिया गया।

बैंगलोर रेल्वे स्टेशन : 
मई, 2016 में बैंगलुरु के रेलवे स्टेशन का नाम 19वीं सदी के क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी क्रांतिवीर संगोल्ली रायन्ना के नाम पर (KSR Bengaluru) कर दिया गया।

कांडला पोर्ट : 
सितंबर, 2017 में गुजरात के मशहूर कांडला पोर्ट का नाम बदलकर जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर रख दिया गया। बता दें कि 2017 दीन दयाल उपाध्याय का जन्मशती वर्ष था।

मुगलसराय : 
अगस्त, 2018 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय कर दिया गया। 1860 में बने इस स्टेशन को देश के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में गिना जाता है।  

इलाहाबाद : 
अक्टूबर, 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर दिया। बता दें कि इलाहाबाद का प्राचीन नाम प्रयाग ही था, जिसे मुगल सम्राट अकबर ने बदलकर इलाहाबाद कर दिया था। 

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