पिछले हफ्ते कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए विशाल झा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि इस तरह का मामला एक विशेष समुदाय की महिलाओं को सीधे टारगेट करना और उनकी गरिमा के साथ खिलवाड़ करने का है।
मुंबई : मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने वाले बुल्ली बाई एप केस (Bulli Bai app case) के आरोपी विशाल झा की न्यायिक हिरासत आज पूरी हो रही है। विशाल पहला आरोपी है जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। न्यायिक रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट विशाल झा पर आगे की कार्रवाई कर सकता है। बता दें कि विशाल झा के अलावा आरोपी श्वेता सिंह और मयंक रावत को भी न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। इन सभी पर बुल्ली बाई एप के जरिए से मुस्लिम महिलाओं की फोटो लगाकर उन्हें बदनाम करने का आरोप है।
नहीं मिली थी बेल
बता दें कि पिछले हफ्ते कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए विशाल झा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि इस तरह का मामला एक विशेष समुदाय की महिलाओं को सीधे टारगेट करना और उनकी गरिमा के साथ खिलवाड़ करने का है। पुलिस ने भी अदालत से तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करने की मांग की थी। पुलिस की तरफ से दलील दी गई थी कि उन्हें सुल्ली डील्स मामले में भी तीनों आरोपियों की संलिप्तता के सबूत मिले हैं।
कोरोना संक्रमित था विशाल
विशाल झा इंजीनियरिंग का छात्र है। उसकी उम्र 21 साल है। कोर्ट ने उसे 10 जनवरी को न्यायिक हिरासत में भेजा था। जहां बाद में वह कोरोना संक्रमित मिला था। इसके बाद उसे आइसोलेट कर दिया गया था। इसके अलावा अन्य दो आरोपियों को श्वेता सिंह और मयंक रावत को 28 जनवरी तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रखा गया है।
क्या है Bulli Bai App
'Bulli Bai' एक ऐसा एप्लिकेशन है जो Github एपीआई पर होस्ट किया जाता है और 'Sulli Deal' ऐप के समान काम करता है। ऐप मुस्लिम महिलाओं को सोशल मीडिया पर लोगों के लिए 'सौदे' के रूप में पेश करता है। जबकि बुल्ली बाई के ट्विटर हैंडल को निलंबित कर दिया गया है, इसके बायो में लिखा था, 'बुली बाई खालसा सिख फोर्स (KSF) द्वारा एक समुदाय द्वारा संचालित ओपन-सोर्स ऐप है।
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