
मुंबई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे साल के अंत में अपने मंत्रीमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। महाराष्ट्र में लंबे समय से मंत्रिमंडल के विस्तार का इंतजार हो रहा था। अब सीएम उद्धव ठाकरे ने नए उत्साह और पूरे मंत्रिमंडल के साथ नए साल में जाने का निर्णय लिया है। इस कैबिनट विस्तार में कुल 36 मंत्री शपथ ले सकते हैं, जिसमें 8 राज्य मंत्री और 28 कैबिनेट मंत्री हो सकते हैं। शपथ ग्रहण समारोह विधान भवन में आयोजित हो सकता है।
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और NCP की त्रिशंकू सरकार है। ऐसे में उद्धव ठाकरे को अपने मंत्रीमंडल में तीनों पार्टियों के नेताओं को शामिल करना होगा। सत्ता के फॉर्मूले के तहत सीएम उद्धव को मिलाकर शिवसेना कुल 16 मंत्री अपनी पार्टी से बना सकती है, जबकि कांग्रेस के 12 और NCP के 14 मंत्री होंगे। किस पार्टी के मंत्रियों को कौन सा मंत्रालय मिलेगा इसका फैसला भी पहले ही हो चुका है। उपमुख्यमंत्री की रेस में अजित पवार का नाम सबसे आगे है। अजित इसी साल कुछ दिनों के लिए राज्य के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। विधानभवन में 5000 लोगों के बैठने का इंतजाम किया जा रहा है।
कांग्रेस के इन नेताओं के हाथ लग सकती है निराशा
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने बताया कि कांग्रेस को कुल 12 मंत्रीपद मिलेंगे, जिसमें से 10 पद कैबिनेट रैंक के होंगे। कांग्रेस पहले ही नाना पटोले को विधानसभा अध्यक्ष और नितिन राउत को कैबिनेट मंत्री बना चुकी है। इसके बाद भी यशोमति ठाकुर और सुनील केदार जैसे नेता मंत्रीपद की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इनमें से किसी एक को ही मंत्री पद मिलने की संभावना है।
मंत्रीपदों के बंटवारे से खुश नहीं है कांग्रेस
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस मंत्रीपद के बंटवारे से खुश नहीं है। इससे पहले भी कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा था कि हमारी पार्टी भी सत्ता में भागीदार है, उद्धव ठाकरे को हमारी बात पर भी ध्यान देना चाहिए। अब कांग्रेस को लग रहा है कि शिवसेना और NCP ने मिलकर सभी महत्वपूर्ण मंत्रालय आपस में बांट लिए हैं। जिसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे शरद पवार से मिलकर गृह मंत्रालय की मांग कर सकते हैं।
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