महाराष्ट्र में जहां प्रशासन एक ओर कोरोना वायरस के खतरे को कम करने के उपायों में जुटा है वहीं राज्य के स्वास्थ्य नियामक को कुछ ऐसे लोगों के बारे में पता चला है जो घटिया हैंड वॉश और सैनिटाइज़र बेचकर तेजी से पैसा कमाने की होड़ में लगे हैं
मुंबई: महाराष्ट्र में जहां प्रशासन एक ओर कोरोना वायरस के खतरे को कम करने के उपायों में जुटा है वहीं राज्य के स्वास्थ्य नियामक को कुछ ऐसे लोगों के बारे में पता चला है जो घटिया हैंड वॉश और सैनिटाइज़र बेचकर तेजी से पैसा कमाने की होड़ में लगे हैं।
अधिकारी ने बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने घर में घटिया हैंड वॉश और सैनिटाइज़र बनाने वाले लोगों के खिलाफ एक अभियान चलाया है।
छापा मार लाखों रुपए के उत्पाद किए जब्त
उन्होंने बताया कि एफडीए ने पिछले कुछ दिनों में शहर के पश्चिमी उपनगरों में स्थानीय विनिर्माण इकाइयों पर छापा मार लाखों रुपए के ऐसे उत्पाद जब्त किए हैं। अधिकारी ने बताया कि बुधवार को उपनगरीय कांदिवली में दवाइयों की दुकान का निरीक्षण करते समय एफडीए को एक व्यक्ति दुकान के मालिक को हैंड सैनिटाइज़र बेचता दिखा।
उन्होंने कहा, ‘‘एफडीए के अधिकारियों ने उसे पकड़ा और पाया कि उसके द्वारा बेचा गया सैनिटाइज़र जिस इकाई में बनाया गया है उसके पास इसके लिए लाइसेंस नहीं है। वे उसे कांदिवली में आपूर्तिकर्ता के पास ले गए, जहां से उन्हें करीब डेढ़ लाख रुपये के सैनिटाइज़र बरामद हुए।’’
1.72 लाख रुपए के सैनिटाइज़र बरामद
उन्होंने बताया कि एफडीए के अधिकारियों ने फिर चिकित्सा उत्पादों के एक वितरक के यहां भी छापा मारा, जहां से उन्हें घटिया किस्म के 1.72 लाख रुपए के सैनिटाइज़र बरामद हुए। ये सैनिटाइज़र जिन इकाइयों में बनाए गए उनके पास उचित लाइसेंस नहीं था और वे बिना सही रसीद और दस्तावेजों के उसे दवाइयों की दुकान पर बेच रहे थे।
अधिकारियों ने वकोला, कांदिवली के चारकोप स्थित कुछ इकाइयों में भी छापेमारी की।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(प्रतीकात्मक फोटो)