2018 में एक मिनिस्टर की मौत के बाद से अंधविश्वास में घिरा मंत्रालय का यह कमरा, अंदर घुसने से भी डरते हैं मंत्री

Published : Dec 31, 2019, 05:25 PM IST
2018 में एक मिनिस्टर की मौत के बाद से अंधविश्वास में घिरा  मंत्रालय का यह कमरा, अंदर घुसने से भी डरते हैं मंत्री

सार

महाराष्ट्र में अपनी 'ताकत' दिखाकर भाजपा से अलग होकर सरकार बनाने वाली शिवसेना सरकार के मंत्री भी 'अंधिवश्वास' से डरे हुए हैं। कोई भी मंत्री मंत्रालय का कमरा नंबर 602 अपने लिए आवंटित कराने को राजी नहीं है। 

मुंबई. महाराष्ट्र में शिवसेन की ताकत जगजाहिर है, लेकिन इस सरकार के मंत्री भी एक खौफ में जी रहे हैं। ये मंत्री चाहे शिवसेना के विधायक हों, कांग्रेस या फिर एनसीपी के। मामला मंत्रालय के एक कमरे से जुड़ा हुआ है। इस कमरे को लेकर अंधविश्वास फैला हुआ है। कुछ घटनाओं के बाद इसे अभिशप्त मानने लगे हैं। इस कमरे का नंबर है 602।

सोमवार को उद्धव ठाकरे सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। लेकिन कोई भी मंत्री इस कमरे को अपने लिए आवंटित कराने को राजी नहीं है। कहते हैं कि इस कमरे में कोई साया है। इसके चलते इसमें एक मंत्री की मौत तक हो चुकी है। वहीं, एक दिग्गज नेता को चुनाव तक हारना पड़ा। यह कमरा मंत्रालय में मुख्यमंत्री के केबिन के ठीक अपोजिट है। यानी पहले इस कमरे को अपना नाम आवंटित कराने जोड़-तोड़ तक करनी पड़ती थी, लेकिन अब मंत्री मना कर देते हैं।

कुछ घटनाओं के बाद से डरे हैं मंत्री...
यह कमरा है मंत्रालय की छठी मंजिल पर। छठी मंजिल 3000 वर्ग फीट में फैली है। इसमें केबिन, ऑफिस हॉल, कान्फ्रेस हाल, स्टाफ हॉल आदि हैं। यानी यह मंजिल महाराष्ट्र सरकार का पॉवर सेंटर है। यहीं मुख्यमंत्री से लेकर सीनियर मंत्री और मुख्य सचिव बैठते हैं। इसके बावजूद मंत्री इस कमरे से बच रहे हैं। बताते हैं कि इस कमरे से अंधविश्वास की कहानी वर्ष 2014 से शुरू हुई। यह कमरा तब भाजपा सरकार के सीनियर मंत्री एकनाथ खडसे को दिया गया था। लेकिन अपने कार्यकाल के दो साल बाद ही वे एक बड़े घोटाले में फंस गए। उन्हें मंत्रीपद छोड़ना पड़ा। इसके बाद यह कमरा 2016 में कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर को आवंटित किया गया। लेकिन दो साल बाद हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। इसके बाद जून 2019 से यह कमरा यानी केबिन खाली पड़ा हुआ है। हालांकि इस बीच कुछ समय के लिए यह कमरा कृषि विभाग का प्रभार संभालने वाले भाजपा नेता अनिल बोंडे को आवंटित किया गया। लेकिन वे विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद से इस कमरे को अभिशप्त माना जाने लगा है।

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