मंत्रालय के इस कमरे से डरते हैं बड़े-बड़े राजनेता, किसी की हुई मौत तो किसी का इस्तीफा

Published : Dec 31, 2019, 11:00 AM ISTUpdated : Dec 31, 2019, 11:03 AM IST
मंत्रालय के इस कमरे से डरते हैं बड़े-बड़े राजनेता, किसी की हुई मौत तो किसी का इस्तीफा

सार

पहले यहां पर सीएम, सबसे वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव बैठा करते थे, लेकिन अब इस ऑफिस में काम करने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। कारण सिर्फ यही अंधविश्वास है कि इस केबिन में बैठा कोई भी शख्स अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है।

मुंबई. महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद अब उद्धव सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार शुरू हो चुका है। सभी मंत्रियों को प्रभार बांटने की तैयारी चल रही है लेकिन एक कमरे को लेकर मंत्रियों में खौफ है। इस मंत्रालय में एक कमरे कोई भी नेता किसी भी कीमत पर लेने को तैयार नहीं है क्योंकि इसे मनहूस माना जाता है।

राज्य मंत्रालय के परिसर में सभी को ऑफिस देने का काम भी शुरू हो गया है। हालांकि मंत्रालय की छठी मंजिल पर एक केबिन ऐसा भी है, जिसे कोई भी लेने के लिए राजी नहीं है। मंत्रालय के इस ऑफिस के बारे में यह कहा जाता रहा है कि इस ऑफिस में बैठने वाला कोई भी शख्स अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। इसलिए ये कमरा नेताओं के लिए मनहूस या अपशगुन के तौर पर माना जाता है।  

आलीशान है ये कमरा लेकिन जुड़े हैं विवाद

मुंबई में राज्य मंत्रिमंडल के आधिकारिक कार्यालय 'मंत्रालय' के छठी मंजिल पर स्थित 3000 वर्ग फीट का केबिन 602 फिलहाल किसी भी मंत्री को आवंटित नहीं किया गया है। इस ऑफिस में एक कॉन्फ्रेंस रूम, ऑफिस स्टाफ हॉल और दो बड़े केबिन हैं। पूर्व में इस ऑफिस को महाराष्ट्र की सत्ता का पावर सेंटर माना जाता था। पहले यहां पर सीएम, सबसे वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव बैठा करते थे, लेकिन अब इस ऑफिस में काम करने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। कारण सिर्फ यही अंधविश्वास है कि इस केबिन में बैठा कोई भी शख्स अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता है।

ये ऑफिस मिलते ही नेता को देना पड़ा इस्तीफा

साल 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह ऑफिस बीजेपी के बड़े नेता और तत्कालीन कैबिनेट मंत्री एकनाथ खडसे को दिया गया था। खडसे यहां से प्रदेश सरकार के कृषि, राजस्व और अल्पसंख्यक कल्याण विभागों का कामकाज संभालते थे। हालांकि अपने कार्यकाल के दो साल बाद ही खडसे एक घोटाले में फंसे, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

एक नेता की हार्ट अटैक से मौत

इसके कुछ वक्त बाद यह केबिन खाली रहा और फिर इसे नए कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर को आवंटित कर दिया गया। फुंडकर की कामकाज संभालने के सिर्फ दो साल के बाद मई 2018 में हार्ट अटैक के बाद मौत हो गई। इसके बाद से जून 2019 तक यह केबिन किसी को आंवटित नहीं हुआ।

किसी को मिली हार तो किसी ने डरकर किया इनकार

2019 में जब कृषि विभाग का प्रभार बीजेपी के नेता अनिल बोंडे को दिया गया तो वह इस ऑफिस को संभालने पहुंचे। हालांकि अफवाहों को जोर तब मिल गया, जब अनिल इस साल हुए विधानसभा चुनाव हार गए और महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार भी नहीं रही। इसके बाद महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी की सरकार के किसी भी मंत्री को यह परिसर आवंटित नहीं हुआ। सोमवार को हुए सरकार के वरिष्ठतम मंत्री अजित पवार जो कि कभी इस कार्यालय में काम कर चुके थे, उन्होंने भी इस ऑफिस को लेने से इनकार कर दिया। हालांकि ये सच है अब महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद किसी न किसी मंत्री के हिस्से ये कमरा तो जाना ही है। 

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