आखिर कहां हुआ था रामभक्त हनुमान का जन्म? कर्नाटक-महाराष्ट्र-झारखंड-राजस्थान या हरियाणा..देश के संत अलग-अलग जगहों पर दावें कर रहे हैं। इसको लेकर नासिक में आज इसके लिए धर्म संसद बुलाई गई। लेकिन मामला तो नहीं सुलझा, बल्कि संतों में आपस में हाथापाई हो गई।
नासिक. महाराष्ट्र में अभी तक हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर को लेकर विवाद चल रहा था। यह मुद्दा अभी सुलझ भी नहीं पाया कि अब भगवान हनुमान की जन्मस्थली को लेकर विवाद शुरू हो गया है। हनुमान के जन्म स्थान को लेकर मगंलवार को नासिक में एक धर्म संसद आयोजित की गई। जिसमें शामिल होने के लिए त्रयम्बकेश्वर, कर्नाटक और सोलापुर के करीब 20-25 साधु-संत पहुंचे। लेकिन देखते ही देखते संतों में विवाद बढ़ने लगा, जुबानी जंग तो सब ठीक था, पर मामला हाथापाई तक जा पहुंचा। एक संत ने तो दूसरे को मारन के लिए मीडियाकर्मी का माइक भी छीन लिया।
एक संत ने दूसरे को मारने के लिए छीना माइक
दरअसल, हनुमान की जन्मस्थली को लेकर यह धर्म संसद बुलाई गई। जिसमें तय होना था कि हनुमान जी का जन्म आखिर कहां हुआ। साधु-संत बातचीत कर ही रहे थे कि इसी दौरान नासिक के कालाराम मंदिर के महंत सुधीरदास और कर्नाटक के किष्किंधा के महंत गोविंदानंद सरस्वती के बीच झगड़ा हो गया। आलम यह हो गया कि महंत सुधीरदास ने गोविंदानंद सरस्वती को मारने के लिए रिपोर्टर का माइक छीन लिया। हालांकि बाकी संतों ने हालात को कंट्रोल किया और दोनों को समझाया गया। जिसके कारण आज की यह धर्म संसद यहीं रद्द हो गई।
हनुमान जी के जन्मस्थली को लेकर संतों के दावे
बता दें कि भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर कई राज्य और साधु-संत अलग अलग जगह का दावा कर रहे हैं। वहीं महंत गोविंद दास का कहना है कि भगवान हनुमान का जन्मस्थान कर्नाटक के किष्किंधा में था। तो किसी संत कहना है कि हनुमान जी का जन्म महाराष्ट्र के नासिक और आंध्रप्रदेश के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में हुआ है। इसी विवाद को खत्म करने के लिए नासिक में महंत श्री मंडलाचार्य पीठाधीश्वर स्वामी अनिकेत शास्त्री देशपांडे महाराज ने 31 मई, यानी आज नासिक में धर्म संसद बुलाई थी।
नासिक में धर्म संसद को लेकर लगाई धारा 144
नासिक में धर्म-संसद का आयोजन के तहत सुबह 11 बजे से अंजनेरी इलाके में धारा 144 लगा दी गई। महंत गोविंद दास ने नासिक पुलिस ने आयोजकों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नोटिस जारी किया। साथ ही महंत गोविंद दास ने नासिक के संतों से अपील की है कि वे शास्त्रों के आधार पर सिद्ध करें कि भगवान हनुमान की जन्मभूमि अंजनेरी है। उन्होंने कहा कि जन्म स्थान हमेशा एक ही रहता है और रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने कहीं नहीं लिखा है कि हनुमान जी का जन्म नासिक के अंजनेरी गांव में हुआ था।