लोकसभा के चुनाव में अपने ही गढ़ में शिकस्त खाने के बाद अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण विधानसभा के मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके चव्हाण को लोकसभा में मिली हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद भी छोड़ना पड़ा।
चंडीगढ़. लोकसभा के चुनाव में अपने ही गढ़ में शिकस्त खाने के बाद अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण विधानसभा के मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके चव्हाण को लोकसभा में मिली हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद भी छोड़ना पड़ा।
134 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया
अब लोकसभा की तरह विधानसभा के चुनाव में भी कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता के सामने बड़ी संख्या में उम्मीदवारों पर्चा भरा है। महाराष्ट्र में सर्वाधिक नामांकन अशोक चव्हाण जहां से लड़ रहे है उस नांदेड़ के भोकर विधानसभा क्षेत्र से भरे गए हैं। भोकर विधानसभा क्षेत्र के लिए 134 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। इससे बड़े पैमाने पर मतों का विभाजन होने का डर है। दूसरी ओर महाराष्ट्र के शिवड़ी और माहिम में सबसे कम चार चार नामांकन पत्र दाखिल हुए है।
बापूसाहब गोरठेकर और चव्हाण में संघर्ष
चव्हाण के खिलाफ इतने बड़े पैमाने में आए नामांकन पत्रों की चर्चा राज्य में हो रही है। हालांकि चव्हाण की मुख्य लड़ाई भाजपा के बापूसाहब गोरठेकर के खिलाफ है लेकिन दूसरे उम्मीदवारों से मतों के विभाजन का डर मुख्य उम्मीदवारों पर दिखाई दे रहा है। भोकर विधानसभा में चव्हाण की पत्नी अमिता चव्हाण फिलहाल विधायक है।
अशोक चव्हाण का गढ़ है नांदेड़
नांदेड़ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के गढ़ के रूप में पहचाना जाता है लेकिन लोकसभा चुनाव में शिवसेना के प्रताप चिखलीकर द्वारा शिकस्त खाने के बाद और राज्य में भी कांगेस का सूपड़ा साफ होने के बाद उन्होंने प्रदेश अध्यक्षपद से इस्तीफा दिया था। 2014 के चुनाव में अशोक चव्हाण यहां से लड़े और ये सीट उन दो सीटों में थी जिसे कांग्रेस बचा पाई थी। इसलिए चव्हाण को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी।