महाराष्ट्र चुनाव : विपक्ष में बिखराव, भाजपा की नजर बड़ी जीत पर

चुनाव विश्लेषकों की मानें तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा की नजर बड़ी जीत हासिल करने पर है और उसको भरोसा है कि वह दोबारा सरकार बनाने में कामयाब होगी जबकि विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बिखरी हुई नजर आ रही है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 29, 2019 12:04 PM IST / Updated: Oct 02 2019, 05:07 PM IST

मुंबई. चुनाव विश्लेषकों की मानें तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा की नजर बड़ी जीत हासिल करने पर है और उसको भरोसा है कि वह दोबारा सरकार बनाने में कामयाब होगी जबकि विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बिखरी हुई नजर आ रही है।

भाजपा को बहुमत का भरोसा- 

अगले महीने की 21 तारीख को होने वाले चुनाव के लिए भाजपा और शिवसेना ने सीटों के बंटवारे को लेकर समझौते का ऐलान नहीं किया है लेकिन अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा को पूरा भरोसा है कि वह एक बार फिर भारी बहुमत के साथ राज्य की सत्ता में वापसी करेगी।

 आदित्य ठाकरे पर दांव खेलेगी शिवसेना- 

भाजपा के शीर्ष नेता लगातार जोर दे रहे हैं कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य की कमान संभालेंगे लेकिन भाजपा की सहयोगी शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को इस पद के लिए दावेदार के रूप में पेश करना चाहते हैं। शिवसेना सूत्रों ने कहा कि पार्टी कम सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार हो सकती है बशर्ते आदित्य ठाकरे को उप मुख्यमंत्री पद दिया जाए। माना जा रहा है कि इस चुनाव में वह अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा, ‘पार्टी नेताओं का एक धड़ा इस रणनीति से असहज है।’

370 को असली चुनावी मुद्दा बनाएगी बीजेपी

भाजपा ने स्पष्ट किया है कि महाराष्ट्र चुनाव में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के केंद्र का फैसला उसका मुख्य मुद्दा होगा। शाह ने पिछले हफ्ते लोगों से अपील की थी कि इस फैसले का विरोध करने वाली कांग्रेस और राकंपा की उसकी हैसियत दिखाएं।

एक्टपर्ट्स,  चुनाव से पहले फडणवीस ने ‘महाजनादेश यात्रा’ के तहत 288 सीटों में से 140 सीटों का दौरा किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार भी राज्य का दौरा कर रहे हैं जबकि कांग्रेस महाराष्ट्र में सर्वमान्य नेता की अनुपस्थिति में दिशाहीन नजर आ रही है। कांग्रेस-राकांपा के कई नेता गत महीनों में भाजपा या शिवसेना में शामिल हुए हैं।

बालासाहेब थोराट ने कहा कांग्रेस का पक्ष साफ नहीं-

उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस के दृष्टिकोण और दिशा में स्पष्टता नहीं है, उम्मीदवारों के चयन में भी पारदर्शिता की कमी है।’’ सूत्र ने कहा, ‘‘ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट के साथ पांच कार्यकारी अध्यक्षों को नियुक्त किया गया लेकिन सीट बंटवारे को लेकर राकंपा को भरोसे में नहीं लिया गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ थोराट और सभी पांच कार्यकारी अध्यक्ष आगामी चुनाव लड़ रहे हैं और वे अपनी सीटों के अलावा बाकी सीटों पर ध्यान नहीं दे सकेंगे।’’ विपक्षी राकंपा अपनी ही समस्याओं से जूझ रही है और शरद पवार खुद महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाले में फंसे हैं।

वंचित बहुजन अगाड़ी का भी गठबंधन में शामिल होने से इनकार-

इन चार प्रमुख पार्टियों के अलावा प्रकाश आम्बेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अगाड़ी (वीबीए)ने भी कांग्रेस-राकंपा गठबंधन में शामिल होने से इनकार कर सभी 288 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। लोकसभा में आम्बेडकर की पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाया था।

एआईएमआईएम ने भी वीबीए से करार तोड़ दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह देखना रोचक होगा कि इस घटनाक्रम से कांग्रेस-राकंपा को कैसे लाभ होता है।

कांग्रेस महाराष्ट्र में 125 से ज्यादा सीटों पर लड़ सकती है चुनाव- 

महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच गठबंधन में कांग्रेस को ज्यादा सीट मिल सकती है और पार्टी 125 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने रविवार को यह संकेत दिये। पहले दोनों दलों में ‘125 सीटों’ पर चुनाव लड़ने पर सहमति बनी थी। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ और वक्त लगेगा जिससे “स्वीकार्य फॉर्मूले” पर बात बन सके।

कांग्रेस 125 सीटों से ज्यादा पर चुनाव लड़ने को तैयार

थोराट ने यहां संवाददाताओं से कहा, “राकांपा ने स्वीकार किया है कि कांग्रेस को बढ़त होगी। उम्मीदवारों की संख्या और चुनौती देने की क्षमता के लिहाज से कांग्रेस की राय पहले से तय 125 सीटों से ज्यादा पर चुनाव लड़ने की है।”
वह राकांपा नेता धनंजय मुंडे के आवास पर हुई एक बैठक के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

थोराट ने कहा, “एक स्वीकार्य फॉर्मूला तैयार करने में कुछ समय लगेगा। 50 उम्मीदवारों की पहली सूची दो अक्टूबर तक आ सकती है।” उन्होंने कहा कि दोनों दलों के बीच दो अक्टूबर को एक बैठक निर्धारित है जिसमें सीट-साझेदारी को लेकर और स्पष्टता आने की उम्मीद है।  राज्य में 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं जबकि मतों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी।

यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है  

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