महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने सीएम आवास खाली कर दिया है। बुधवार रात को वह अपनी पत्नी और दोनों बेटों के साथ पैतृक घर 'मातोश्री' लौट गए। वह अपना सामान भी साथ ले आए हैं।
नई दिल्ली। दो दिन से महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट (Maharashtra Political Crisis) के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बुधवार रात को सीएम आवास 'वर्षा' खाली कर दिया। पत्नी और दोनों बेटों के साथ वह अपने पैतृक घर 'मातोश्री' लौट गए। उद्धव ठाकरे अपना सामान भी समेटकर ले आए।
उद्धव ठाकरे के समर्थन में हजारों की संख्या में शिवसैनिक मातोश्री के बाहर जुटे थे। जैसे ही उद्धव पहुंचे शिव सैनिकों ने उनके समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। चेहरे पर मास्क लगाए उद्धव कार से बाहर निकले और शिव सैनिकों के मुलाकात की। कुछ देर तक वह अपने समर्थकों की भीड़ के पास मौजूद रहे फिर कार में बैठकर घर के अंदर चले गए। उद्धव ठाकरे के साथ उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे और दोनों बेटे (आदित्य और तेजस ठाकरे) भी मुख्यमंत्री आवास छोड़कर मातोश्री लौट आए। आदित्य ठाकरे मातोश्री के बाहर जुटे समर्थकों से मिलने के लिए कार से बाहर आए। उन्होंने विक्ट्री का साइन दिखाया और लोगों का अभिवादन किया।
उद्धव ठाकरे ने कहा- मुझे नहीं किसी पद की लालच
दरअसल, शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत के चलते उद्धव ठाकरे की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उद्धव आइसोलेशन में रह रहे थे। इससे पहले फेसबुक लाइव में ठाकरे ने कहा कि अगर मेरे अपने लोग मुझे मुख्यमंत्री के रूप में नहीं चाहते हैं तो उन्हें मेरे पास आकर ऐसा कहना चाहिए। मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। मैं बालासाहेब का बेटा हूं। मुझे किसी पद का लालच नहीं है।
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4 और विधायक गुवाहाटी पहुंचे
बुधवार देर शाम को शिंदे गुट में शामिल होने के लिए चार और विधायक गुवाहाटी पहुंच गए। इसके साथ ही शिंदे गुट के विधायकों की संख्या 39 हो गई है। बुधवार को शिवसेना के दो और दो निर्दलीय विधायक गुवाहाटी पहुंचे। इन विधायकों के नाम गुलाब राव पाटिल, योगेश कदम, मंजुला गाबित और चंद्रकांत पाटिल हैं।
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