भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना मिलकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। दोनों पार्टियों में सीट बंटवारे पर सहमति हो गई थी। लेकिन नाम वापसी के बाद साफ दिख रहा है कि गठबंधन के बावजूद कई सीटें ऐसी हैं जहां बीजेपी-शिवसेना के उम्मीदवार बगावत पर उतर आए हैं। बागियों ने गठबंधन के फॉर्मूले को खारिज कर दिया है और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
मुंबई. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना मिलकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। दोनों पार्टियों में सीट बंटवारे पर सहमति हो गई थी। लेकिन नाम वापसी के बाद साफ दिख रहा है कि गठबंधन के बावजूद कई सीटें ऐसी हैं जहां बीजेपी-शिवसेना के उम्मीदवार बगावत पर उतर आए हैं। बागियों ने गठबंधन के फॉर्मूले को खारिज कर दिया है और निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा-शिवसेना के लिए इन सीटों पर सिरदर्द बने बागी
उद्धव ठाकरे का निवास मातोश्री बांद्रा ईस्ट क्षेत्र में आता है। यहां से पार्टी की मौजूदा विधायक तृप्ति सावंत ने बगावत कर दी है और निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में चुनाव मैदान में हैं। सावंत की जगह पर शिवसेना ने मुंबई के मेयर विश्वनाथ महादेश्वर को टिकट दिया है। जबकि वर्सोवा में शिवसेना के ही मुरजी पटेल ने भी पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
कल्याण पूर्व में शिवसेना के धनजंय बोडारे, कल्याण पश्चिम में भाजपा के नरेंद्र पवार, मीरा भाइंदर में भाजपा की गीता जैन पार्टी की लाइन से हटते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। बेलापुर में भी भाजपा को मंदा म्हात्रे के खिलाफ शिवसेना के बागी विजय माने टक्कर दे रहे हैं। बागियों की वजह से कई सीटों पर शिवसेना और भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
दो सीटों पर टूट गया है गठबंधन
कनकवली और माण में शिवसेना ने बीजेपी का प्रत्याशी होने के बावजूद अपने कैंडिडेट उतारे हैं। कनकवली सीट से बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे नीतेश राणे को टिकट दिया है, जबकि माण से बीजेपी ने जयकुमार गोरे को मैदान में उतारा है। ये दोनों नेता 2014 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं।
नीतेश राणे के विरोध के पीछे राणे और शिवसेना की पुरानी अदावत है। नीतेश के पिता नारायण राणे पहले शिवसेना में थे और शिवसेना से ही वे मुख्यमंत्री भी बने थे। लेकिन 2005 में शिवसेना छोड़कर उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया।
राणे ने कांग्रेस में जाकर उद्धव ठाकरे को निशाने पर ले लिया था। तभी से दोनों के बीच रिश्ते बहुत नाजुक हैं। यही वजह है कि गठबंधन होने के बावजूद शिवसेना ने नीतेश राणे के सामने सतीश सावंत के रूप में अपना उम्मीदवार उतारा है। इसी तरह पार्टी ने माण में भी जयकुमार गोरे के खिलाफ शेखर गोरे को उम्मीदवार बनाया है।
महायुति-महाआघाड़ी के बीच मुकाबला
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहा है। इस चुनाव के लिए मतदान 21 अक्टूबर को और मतगणना को 24 अक्टूबर को होगी। इस चुनाव मैदान में भाजपा-शिवसेना की महायुति और कांग्रेस-राकांपा की महाआघाडी के बीच मुख्य लड़ाई है। जबकि राज ठाकरे की मनसे और प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी भी चुनाव के मैदान में है।