
रायगढ़. महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के तालिये गांव में भारी बारिश और भूस्खलन से हाहाकार मचा हुआ है। 173 घर वाले इस गांव में करीब 90 लोग मलबे में दब गए, अब तक 53 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं, वहीं 32 अभी बाकी हैं। लेकिन ग्रामीण अब सर्च ऑपरेशन बंद करवाने पर अड़ गए हैं। गांव के सरपंच का कहना है कि जैसे-जैसे शव निकलेंगे, वैसे-वैसे मृतकों के परिजनों को दुख होगा। इसलिए हमने बैठक कर फैसला लिया है कि अब शव मलबे से नहीं निकाले जाएं। मीटिंग में सभी मृतकों के परिवार और रिश्तेदारों से बात करके तय किया है कि जिस जगह पर यह दर्दनाक हादसा हुआ है, वहीं उनका सांकेतिक अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मृतकों का करना चाहते हैं सांकेतिक अंतिम संस्कार
तालिये गांव के सरपंच संपत चाडेकर का कहना है कि हमने इस मामले में जिला कलेक्टर को आवेदन कर उनको अवगत कर दिया है। क्योंकि सर्च ऑपरेशन करने वाली टीम का कहना है कि इस हादसे में किसी के भी बचने की कोई उम्मीद नहीं है। इसिलए मैंने ग्रामीणों से बात की है और उन सभी की एक ही मांग है, अब कोई सर्च ऑपरेशन नहीं किया जाए।
बस गांव के लोगों की प्रशासन की एक मांग
गांव के लोगो का कहना है कि वह शासन की कागजी कार्रवाई से चिंतित हैं। इसलिए प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि आवश्यक कागजी कार्रवाई की जाए और सभी मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र दिया जाएं। जिससे पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से मिलने वाले मुआवजे में आसानी हो।
विधायक ने कहा-एक भी सदस्य आपत्ति पर जारी होगा ऑपरेशन
वहीं इस मामले पर महाड से सत्ताधारी पार्टी शिवसेना विधायक भरतशेत गोगावले ने कहा-हादसे को हुए तीन दिन हो गए हैं। ऐसे में शव सड़ने लगे हैं, ग्रामीणों और लापता लोगों के रिश्तेदार ऑपरेशन को रोकना चाहते हैं। उन्हें मृत घोषित कराकर हादसे वाली जगह पर ही अंतिम संस्कार करना चाहते हैं। इसिलए अब गांव वालों के साथ एक बैठक होगी, जिसमें मरने वालों के रिश्तेदारों के सहमति पत्र प्रशासन को सौंपे जाएंगे। इसक बाद ही फैसला लिया जाएगा। वहीं अगर कोई एक भी सदस्य आपत्ति करता है, तो ऑपरेशन फिर शुरू होगा।
डीएम ने कहा-हम मजबूर हैं..किसी का दिल नहीं दुखाना चाहते
इस मामले पर जिलाधिकारी निधि चौधरी का कहना है कि जिला डिजास्टर मैनेजमेंट टीम आखिरी शव के मिलने तक ऑपरेशन को जारी रखना चाहती है। लेकिन गांव वाले नहीं चाहते हैं कि अब और शव मलबे से निकाले जाएं। उनका कहना है कि अब ऑपरेशन रोक दिया जाए और बाकी बचे 32 लोगों को मृत घोषित किया जाए। हम उन्हें समझाने की कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है। हम मजबूर हैं, पर उनकी भावनाओं को ठेस भी नहीं पहुंचाना चाहते हैं।
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