नर्स ज्योति गवली ने कुछ दिन पहले हिंगोली अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन डिलीवरी के बाद नर्स की तबीयत बिगड़ती चली गई। लगातार हो रही ब्लीडिंग चलते आनन-फानन में उसे नांदेड़ के एक निजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। लेकिन तमाम इलाज के बाद भी ज्योति की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
हिंगोली. महाराष्ट्र के हिंगोली जिले से एक बेहद मार्मिक खबर सामने आई है। जहां जिला अस्पताल की सबसे पसंदीदा नर्स ज्योति गवली दुनिया को अलविदा कह गई। वह 38 साल की उम्र में 5 हजार से ज्यादा महिलाओं की सफलतापूर्वक डिलीवरी करवा चुकी थी। लेकिन दुख की बात यह है कि जब खुद की डिलीवरी की बारी आई तो उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद से पूरे हॉस्पटिल में मातम छा गया। हर कोई नर्स की याद में आंसू बहा रहा है।
चाहकर भी कोई नर्स की नहीं बचा सका जान
दरअसल, नर्स ज्योति गवली ने कुछ दिन पहले हिंगोली अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन डिलीवरी के बाद नर्स की तबीयत बिगड़ती चली गई। लगातार हो रही ब्लीडिंग चलते आनन-फानन में उसे नांदेड़ के एक निजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। लेकिन तमाम इलाज के बाद भी ज्योति की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। निमोनिया बिड़ने के चलते ज्योति की मौत हो गई।
नेचर ऐसा कि मरीज ठीक होने के बाद मिलने आते थे
बता दें कि ज्योति गवली हिंगोली के सिविल अस्पताल के डिलीवरी वार्ड में ड्यटी करती थी। वह पिछले 5 साल से यहां अपनी सेवाएं दे रही थीं। उनके नेचर इतना अच्छा था कि मरीज ठीक होने के बाद भी उनसे मिलने के लिए आया करती थीं। इतना ही नहीं लोग अपने यहां होने वाले कार्यक्रमों में भी आमंत्रित करते थे। उनके साथ काम करने वाली नर्सों ने बताया कि रोजाना करीब 15 से 20 डिलीवरी के मामले हमारे अस्पताल में आते हैं। हर मरीज ज्योति गवली से ही अपनी डिलीवरी करवाना चाहता था।
मैटरनिटी लीव पर जाने वाली थीं..लेकिन कह गईं अलविदा
अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि अपने बच्चे के जन्म के बाद नर्स ज्योति मैटरनिटी लीव पर जाने वाली थीं। वह हजारों महिलाओं की डिलीवरी करा चुकी थीं। लेकिन संयोग बस अपनी डिलीवरी के दौरान उनकी मौत हो गई। उनके इस तरह जाने से पूरा अस्पताल और मरीजों में शोक की लहर दौड़ गई।