डॉक्टरों ने बताया कि नवजात को प्लेसेंटा के जरिए संक्रमण हुआ था। प्लेसेंटा गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय में विकसित होता है। जब शिशु गर्भाशय में होता है और इस दौरान वह संक्रमित हो जाता है तो मेडिकल की भाषा में वर्टिकल ट्रांसमिशन कहते हैं।
पुणे. पूरे देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इसी बीच महाराष्ट्र से एक हैरान कर देने वाला केस सामने आया है। जहां गर्भनाल के माध्यम से मां के पेट में पल रहे बच्चे तक संक्रमण पहुंच गया। डिलीवरी के बाद मां और नवजात की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। डॉक्टरों के मुताबिक, देश में वर्टिकल ट्रांसमिशन का यह पहला केस है।
इस वजह से इसे कहते हैं वर्टिकल ट्रांसमिशन
दरअसल, पुणे के ससून जनरल अस्पताल में भर्ती एक गर्भवती महिला को डिलीवरी से एक महीने पहले बुखार आया था। डॉक्टरों ने बताया कि नवजात को प्लेसेंटा के जरिए संक्रमण हुआ था। प्लेसेंटा गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय में विकसित होता है। यह बच्चे को ऑक्सीजन और दूसरे पोषक तत्व (न्यूट्रीएंट्स) पहुंचाता है। कह सकते हैं कि जब शिशु गर्भाशय में होता है और इस दौरान वह संक्रमित हो जाता है तो मेडिकल की भाषा में वर्टिकल ट्रांसमिशन कहते हैं।
मां-बेटे दोनों हैं स्वस्थ
जानकारी के मुताबिक 22 साल की गर्भवती महिला ने 27 मई को बच्ची को जन्म दिया था। डिलीवरी से एक दिन पहले महिला को बुखार आ गया और कमजोरी महसूस होने लगी। डॉक्टरों ने ऐसा माना कि गर्भवती होने के कारण उसके साथ ऐसा हो रहा है। लेकिन जब जांच की तो पता चला कि वह कोरोना पॉजिटव है। जन्म तीन बाद तक बच्ची को स्पेशल वॉर्ड में मां से अलग रखा गया था। जांच के दौरान यह पुष्टि की गई कि यह वर्टिकल ट्रांसमिशन का मामला है। तीन हफ्ते तक डॉक्टरों ने दोनों की एंटीबॉडी रिएक्शन और ब्लड टेस्ट किए। अच्छी खबर यह है कि अब इलाज के बाद मां-बेटी दोनों स्वस्थ हैं। ससून अस्पताल प्रबंधन ने मां और बेटी को डिस्चार्ज कर दिया है। यह मामला पिछले दिनों का बताया जाता है।