सोशल मीडिया पर छाया 400 साल पुराना यह बरगद, उसे मरने से बचाने आगे आए 14000 लोग

लोगों की मुहिम ने महाराष्ट्र के सांगली जिले के भोसे गांव स्थित 400 साल पुराने इस बरगद को कटने से बचा लिया। यहां से रत्नागिरी-नागपुर हाइवे नंबर 166 निकलना है। इसके लिए इसे काटा जाना था। जब इसकी खबर पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को मालूम चली, तो उन्होंने आंदोलन खड़ा कर दिया। इस मामले को सोशल मीडिया पर पुरजोर उठाया गया। नतीजा, महाराष्ट्र सरकार सक्रिय हुई और अब केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाइवे के प्रस्तावित मार्ग को बदलने के आदेश दिए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 25, 2020 6:02 AM IST

सांगली, महाराष्ट्र. 400 साल पुराना यह बरगद का पेड़ इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। इस पेड़ की ताकत के आगे सरकार को झुकना पड़ा है। लोगों की मुहिम ने महाराष्ट्र के सांगली जिले के भोसे गांव स्थित 400 साल पुराने इस बरगद को कटने से बचा लिया। यहां से रत्नागिरी-नागपुर हाइवे नंबर 166 निकलना है। इसके लिए इसे काटा जाना था। जब इसकी खबर पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को मालूम चली, तो उन्होंने आंदोलन खड़ा कर दिया। इस मामले को सोशल मीडिया पर पुरजोर उठाया गया। नतीजा, महाराष्ट्र सरकार सक्रिय हुई और अब केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाइवे के प्रस्तावित मार्ग को बदलने के आदेश दिए हैं।

आदित्य ठाकरे हुए थे सक्रिय...
बता दें कि यह बरगद हाइवे-166 के रास्ते में आ रहा था। लिहाजा, उसे काटने की तैयारी थी। जब इसकी भनक सांगली के पर्यावरविद और सामाजिक कार्यकर्ताओं को लगी, तो उन्होंने विरोध शुरू कर दिया। सोशल मीडिया और मीडिया के जरिये यह बात दूर-दूर तक फैल गई। देखते-देखते इस मुहिम से 14000 से ज्यादा लोग जुड़ गए। यह खबर महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे तक पहुंची। उन्होंने इस संबंध में नितिन गडकरी से बात की। आखिरकार अब प्रोजेक्ट के नक्शे में बदलाव करके इस पेड़ को न काटने के आदेश दिए गए हैं। इस मामले को लेकर कुछ लोगों ने ऑनलाइन पिटीशन भी दायर की थी। इस पेड़ की कटाई-छंटाई का काम भी शुरू हो गया था, लेकिन लोगों के विरोध को देखते हुए उसे रोकना पड़ा था।

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