यूज करने के बाद फेंके गए मास्क से कंपनी बना रही थी गद्दा, सच्चाई जान होगी हैरानी..

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में मास्क का उत्पादन मार्च 2020 में एक दिन में 1.5 करोड़ यूनिट प्रतिदिन की क्षमता से बढ़ा है। महामारी ने भारत के पहले से ही बेकार अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को बोझ बना दिया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, जून और सितंबर 2020 के बीच 18,000 टन से अधिक कोविड -19 संबंधित जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उत्पन्न हुआ, जिसमें दस्ताने और फेस मास्क शामिल हैं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 12, 2021 9:15 AM IST / Updated: Apr 12 2021, 02:54 PM IST

मुंबई (Maharashtra) । जलगांव जिले में पुलिस ने एक गद्दा (मैट्रेस) बनाने वाली कंपनी का भंडाफोड़ किया है, जो अपने गद्दों में रुई और अन्य वस्तुओं के बदले उसमें फेंके गए मास्क का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने कंपनी के परिसर से ढेर सारे मास्क भी बरामद किया है। जिसके आधापर पर कंपनी मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही जांच शुरू कर दी है।

पुलिस ने सुनाई ये कहानी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रकांत गवली ने कहा, "जब अधिकारी एमआईडीसी के कुसुम्बा स्थित फैक्टरी के परिसर में पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि मैट्रेस में इस्तेमाल किए गए मास्क भरे जा रहे हैं। फैक्टरी के मालिक अमजद अहमद मंसूरी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

खराब मास्क में लगवाई आग
पुलिस इस अवैध धंधे में शामिल अन्य लोगों की जांच में जुटी है। इसके बाद पुलिस ने निर्धारित नियमों के मुताबिक परिसर में फैले बेकार मास्क को आग के हवाले कर दिया।

1.5 करोड़ यूनिट प्रतिदिन की क्षमता से बढ़ा है मास्क का उत्पादन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में मास्क का उत्पादन मार्च 2020 में एक दिन में 1.5 करोड़ यूनिट प्रतिदिन की क्षमता से बढ़ा है। महामारी ने भारत के पहले से ही बेकार अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को बोझ बना दिया है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, जून और सितंबर 2020 के बीच 18,000 टन से अधिक कोविड -19 संबंधित जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उत्पन्न हुआ, जिसमें दस्ताने और फेस मास्क शामिल हैं।

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