शिवसेना के बागी मंत्री एकनाथ शिंदे ने एक ऐसी चाल चली की महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल ला दिया। शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चारों खाने चित कर दिए हैं। उद्धव सरकार का जाना अब लगभग तय हो गया है। लेकिन सीएम ठाकरे के पास अभी भी ऐसे दो विकल्प हैं जिससे वह चाहें तो सत्ता में बने रह सकते हैं।
मुंबई. महाराष्ट्र में सियासी उठापटक जारी है, पिछले तीन दिन से सत्ता का घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजनीतिक भूचाल के बीच तीसरे दिन शिवसेना के 37 से ज्यादा विधायक बागी नेता एकनाथ शिंदे के पास गुवाहाटी पहुंच चुके हैं। इससे अब साफ हो गया है कि उद्धव ठाकरे सरकार का जाना लगभग तय है। किसी वक्त उनका इस्तीफा हो सकता है। लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास अभी भी दो विकल्प बचे हुए हैं, जिससे वह सत्ता में रह सकते हैं। महा विकास आघाडी सरकार के सामने आए सियासी संकट से कैसे निपटा जाए, इसको लेकर शिवसेना और एनसीपी नेताओं की बैठकों का दौर भी चल रहा है।
मुख्यमंत्री आवास छोड़कर मातोश्री पहुंचे सीएम ठाकरे
दरअसल, महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी जाना इसलिए जाना लगभग तय हो गया है कि क्योंकि वह बुधवार शाम मुख्यमंत्री आवास छोड़कर मातोश्री (अपने घर) पहुंच गए हैं। जिससे राजीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी है कि अब शिवसेना सरकार गिरने वाली है। उधर शिवसेना के विधायकों में एक के बाद एक भगदड़ मची हुई है। हालांकि अभी भी ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा नहीं दिया है।
सीएम ठाकरे का पहला विकल्प...जिससे सत्ता में बने रहेंगे
बागी विधायक एकनाथ शिंदे जिस तरह से अपने तेवर दिखा रहे हैं कि उससे अब पक्का है कि शिवसेना सरकार जाने वाली है। लेकिन ऐसे में कई राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उद्धव ठाकरे के सामने सरकार में रहने के दो विकल्प हैं। पहला विकल्प है कि सीएम ठाकरे कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन तोड़कर अपने पुराने साथी यानी भारतीय जनता पार्टी के साथ आए जाए और मिलकर सरकार बना लें। बीजेपी के साथ हाथ मिलाने से ठाकरे और उनकी पार्टी शिवसेना सरकार में बनी रह सकती है।
ठाकरे के पास सरकार में बने रहने का दूसरा विकल्प
वहीं महा विकास आघाडी सरकार में साथी रहे कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सलाह दी है कि वह चाहे तो आगे आकर एकनाथ शिंदे से बात करें और शिंदे को मुख्यमंत्री बना दें, जिससे सियासी संकट से जूझ रही शिवसेना सरकार टूटने से बच जाएगी। हालांकि सीएम ठाकरे पहले भी कह चुके हैं कि शिवसैकिन विधायक आकर मुझसे बात करें तो मैं खुद सीएम की कुर्सी छोड़ दूंगा। लेकिन क्या मुख्यमंत्री ठाकरे एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने का कदम उठाएंगे। जिससे उनकी पार्टी पर चल रहा संकट दूर हो जाए।