मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच चार बार बातचीत और सीक्रेट मीटिंग हो चुकी है। राज ठाकरे ने हाल ही में महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को लेकर महाविकास अघाड़ी सरकार पर हमला बोलना शुरू किया था।
मुंबई. महाराष्ट्र में जारी सियासी (Maharashtra Politics Crisis ) घटनाक्रम में हर रोज बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। उद्धव ठाकरे सरकार के संकट के बीच अब एक और ठाकरे की एंट्री हो गई है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (eknath shinde) ने महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के चीफ राज ठाकरे (raj thackeray) से बात की है। राज ठाकरे ने महाराष्ट्र की सियासत में अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार को एकनाथ शिंदे ने राज ठाकरे से बात कर उनका हाल जाना और फिर उनसे राज्य की मौजूदा स्थिति के बारे में भी चर्चा की है। राज ठाकरे का नाम आने के बाद अब महाराष्ट्र की सियासत में कई तरह के नए समीकरण बनने लगे हैं।
4 बार हो चुकी है बातचीत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच चार बार बातचीत और सीक्रेट मीटिंग हो चुकी है। हालांकि दोनों के बीच किन-किन मुद्दों पर बात हुई है इसे लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है। लेकिन माना जा रहा है कि शिवसेना की कलह में राज ठाकरे को बड़ा फायदा हो सकता है।
एकनाथ शिंदे MNS में हो सकते हैं शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो एकनाथ शिंदे बागी विधायकों के साथ राज ठाकरे की पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं। एकनाथ शिंदे हिन्दुत्व की बात करते हैं, जबकि मनसे का मुख्य एजेंडा ही हिन्दुत्व है। ऐसे में शिंदे के पास एक विकल्प यह भी है कि शिंदे बागी विधायकों के साथ मनसे चले जाएं।
राज ठाकरे की पार्टी चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड
राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड है। उसे विधानसभा में भी मान्यता है। ऐसे में एकनाथ शिंदे को राज ठाकरे का नाम का फायदा भी मिलेगा। इस समय राज ठाकरे की पार्टी का एक भी विधायक नहीं है। उसके बाद भी मुंबई में उनकी सियासत का एक अलग ही अंदाज है।
हिंदुत्व का फायदा उठा सकते हैं राज ठाकरे
राज ठाकरे ने हाल ही में महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को लेकर महाविकास अघाड़ी सरकार पर हमला बोलना शुरू किया था। इसके लिए उन्होंने यूपी के योगी सरकार की तारीफ भी की थी। शिवसेना की हिंदुत्व के मुद्दों पर पकड़ ढीली होने से राज ठाकरे को फायदा उठा सकते हैं। इसलिए भी एकनाथ शिंदे और राज ठाकरे के बीच कई लेवल पर बातचीत हो चुकी है।
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