नासिक जेल में कैदी ने की आत्महत्या, मृतक के पेट से निकला सुसाइड नोट

32 वर्षीय असगर अली मंसूरी नाम के युवक ने 7 अक्टूबर को जेल की कोठरी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि वह जेल कर्मियों के उत्पीड़न से परेशान था। (फोटो प्रतीकात्मक)

Asianet News Hindi | Published : Oct 16, 2020 5:43 AM IST / Updated: Oct 16 2020, 06:07 PM IST

नासिक. महाराष्ट्र के नासिक सेंट्रल जेल से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। कारागार में बंद एक कैदी ने कथित रूप से फंदा लगा कर खुदकुशी कर ली। सबसे दिलचस्प बात यह है कि मृतक का पोस्टमॉर्टम करते वक्त डॉक्टरों को उसके पेट से सुसाइड नोट मिला है। नोट में मरने की वजह बताई गई है।

कैदी ने लिखा किस वजह से लगाई फांसी...
दरअसल, मृतक की पहचान 32 वर्षीय असगर अली मंसूरी नाम से हुई है। 7 अक्टूबर को जेल की कोठरी में असगर ने सुसाइड किया। बताया जा रहा है कि कैदी जेल कर्मियों के उत्पीड़न से परेशान हो चुका था, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया। कुछ दिनों से उसे जेल कर्मचारी परेशान कर रहे थे। कुछ दिनों में वार्डन के रूप में काम करने की अनुमति उसे नहीं थी। वहीं जेल के अन्य कैदियों ने आरोप लगाया है कि असगर को जानबूझकर एक ओपन जेल से दूर रखा गया ताकि उसकी रिहाई जल्दी ना हो।

पढ़-लिख नहीं सकता था..फिर कैसे लिखा नोट
इस मामले में जेल के एक अधिकारी का कहना है कि मृतक पढ़ और लिख नहीं सकता था। फिर कैसे उसने यह सुसाइड नोट लिख। उसकी किसी ने मदद की होगी। जेल के अन्य कैदियों ने उच्च अधिकारियों को एक पत्र लिखा, जिसमें सुसाइड नोट में नामित कर्मचारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।

एक पॉलीथिन में लिपटा हुआ था सुसाइड नोट
जेल के अधिकारी ने बताया कि 7 अक्टूबर को असगर मंसूरी सुबह  6.30 बजे नमाज के लिए उठा। जिसके बाद उसने फंदा लगा लिया। उसी दिन हमने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। जिसमें एक पॉलीथिन में लिपटा हुआ पेट में ये नोट मिला था। सुसाइड नोट मराठी में लिखा हुआ था। उन्होंने बताया कि हत्या के मामले में मंसूरी को उम्र कैद की सजा हुई थी। अधिकारियों ने आरोपी को प्रताड़ित करने की बात से इनकार किया।

जीना नहीं चाहता था कैदी
महाराष्ट्र के अतिरिक्त डीजीपी (जेल और सुधार सेवाएं) सुनील रामानंद ने मामले की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा-जेल कर्मियों और कैदियों से पूछताछ के बाद फैसला किया जाएगा कि आरोप सही है या नहीं। वहीं मृतक की भतीजी ने कहा कि कुछ दिनों से उसने कहना शुरू कर दिया था कि अब वह जीना नहीं चाहता है।

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