
सागर (मध्य प्रदेश). अगर कोई चोरी करता है तो वह अपराध कहलाता है। इसके लिए अपराधी को सजा भी हो जाती है, जिसके चलते उसको जेल में सजा काटनी पड़ती हैं। लेकिन मध्य प्रदेश में एक ऐसा अनोखा मामले सामने आया है। जहां एक बच्ची ने चोरी तो कि लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री ने उस लड़की के परिवार को एक लाख रुपए की सहायता करने करने का आश्वासन दिया है।
बच्ची ने चुराए पैसे से खरीदे 10 किलो गेहूं
दरअसल, ये मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले में सामने आया है। जहां एक नाबालिग ने मंदिर की दानपेटी से 250 रुपए चुरा लिए थे। लेकिन जब बच्ची ने पैसे की चोरी की तो वह सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। पुलिस इसी आधार पर नाबालिग को हिरासत में ले लिया था। मासूम ने चोरी किए पैसे से 10 किलो गेहूं खरीदे और बाकी के 70 रुपए वापस मंदिर की दानपेटी में डाल दिए। जिले की कलेक्टर प्रीति मैथिल ने कहा कि भोजन के इंतजाम के लिए बच्ची का चोरी करना दुखद है। उसके पिता को आर्थिक मदद दी गई है। पारिवारिक हालात को देखते हुए उन्हें खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा।
मामले पर सीएम कमलनाथ ने किया ये ट्वीट
जब इस मामले की जानकारी सीएम को पता चली तो उन्होंने तुरंत बच्ची को रिहा करने और आर्थिक सहयोग करने का आदेश दिया। उन्होंने टी्ट करते हुए लिखा-कई बार जीवन यापन के लिये ,अभाव में मासूम ग़लत राह पकड़ लेते है।
उन्होंने बच्ची के मज़दूर परिवार को एक लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने के साथ बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करने के व परिवार को राशन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
ये थी चोरी करने की वजह
जब पुलिस ने बच्ची कि पिता से बात की तो उन्होंने बताया, दरअसल मैंने बेटी के लिए 10 किलो गेहूं आटा पिसवाने के लिए दिए थे। वह उनको चक्की पर तो ले गई, लेकिन चक्की वाले ने गेहूं गायब कर दिए। बच्ची इससे डर गई उसने सोचा अब घर में खाना कैसे बनेगा। इसलिए उसने मंदरि से 250 रुपए की चोरी की थी। क्योंकि वह घर में बड़ी थी, उससे दो छोटे-छोटे भाई-बहन भी हैं।
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