
मुंम्बई: बाइकुला रेलवे अस्पताल ने एक रिकॉर्ड बनाया है, जिसमें पीठ में बने एक छोटे से छेद की मदद से, मिनीमल इनवेसिव सर्जरी (की-होल सर्जरी ) के जरिए रीढ़ की हड्डी की विकृति को ठीक किया गया है। यह सर्जरी भारतीय रेलवे के तहत, किसी भी सरकारी अस्पताल में किए जाने वाले अपनी तरह की पहली सर्जरी है।
दर्द से मिली राहत
56 वर्षीय कमला अय्यप्पन की जुलाई के पहले सप्ताह में सर्जरी की गई थी। वह विकृत रीढ़ के साथ पैदा हुई थीं। इसके कारण उन्होंने पूरे जीवन में दर्द का अनुभव किया था। लेकिन आखिरकार उनको राहत मिली। उनका बेटा सेंट्रल रेलवे का कर्मचारी है। वह उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लाया था। कई सारे टेस्ट्स करवाने के बाद उसे अपनी मां की इस बीमारी के बारे में पता चला। इसके बाद, वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन, डॉ. विजय सिंह ने सर्जरी करने का फैसला किया।
आसान है यह सर्जरी
सर्जन ने बताया, " सबसे पहले, पीछे की तरफ एक चीरा लगाया जाता है। फिर एक ट्यूब के जरिए खुली सर्जरी किए बिना टूटी हुई डिस्क को बाहर निकाला जाता है। उसके बाद एक अर्टिफिशियल डिस्क को उसकी जगह पर रखा जाता है।" इस सर्जरी से तेजी से रिकवरी भी की। उन्होंने कहा, "इससे पहले, डॉक्टर इस तरह के सुधारों के लिए खुली सर्जरी करते थे, जिससे खून की भारी कमी होती थी और इससे रिकवरी में भी देरी होती थी। इस तकनीक के साथ, केवल एक मामूली चीरा की मदद से हम डिस्क को ठीक कर सकते हैं और इसे बदल भी सकते हैं,"। कमला अय्यप्पन को अब अपनी रीढ़ की हड्डी को पूरी तरह से सीधा करने के लिए, कुछ महीनों कि फिजियोथेरेपी की आवश्यकता होगी।
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