शुक्रवार को पुलिस ने कोर्ट में राणा की जमानत का विरोध जताया था। पुलिस ने अदालत से अपील करते हुए कहा था कि राणा दंपती पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने और राजद्रोह, सरकारी काम में बाधा डालते समेत छह अलग-अलग केस दर्ज हैं। ऐसे में कोर्ट इन्हें बेल न दे।
मुंबई : महाराष्ट्र (Maharashtra) में हनुमान चालीसा विवाद (Hanuman Chalisa Controversy) में 11 दिन बाद सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को जमानत तो मिल गई लेकिन उनकी रिहाई नहीं हो पाई। उन्हें एक रात और जेल में गुजारनी पड़ी। बुधवार शाम तक जेल में जमानत ऑर्डर नहीं पहुंचने की वजह से वे जेल से बाहर नहीं आ पाए। आज दोपहर में दोनों बाहर आ सकते हैं। बता दें कि 23 अप्रैल से राजद्रोह के आरोप में राणा दंपति को गिरफ्तार किया गया था। कल मुंबई सेशन कोर्ट ने उनकी बेल मंजूर की।
हॉस्पिटल के बाद सीधे पहुंचे जेल
बुधवार को सांसद नवनीत राणा कुछ देर मुंबई के जेजे हॉस्पिटर में रहीं। तबीयत खराब होने के बाद वो वहां पहुंची थी। अस्पताल में उनका सीटी स्कैन हुआ है और डॉक्टर ने उन्हें दवाईयां दी। अमरावती सांसद पिछले कुछ दिनों से पीठ में दर्द से परेशान थीं। इससे पहले उनके वकील ने तबीयत खराब होने को लेकर जेल प्रशासन को चिट्ठी लिखी थी और बाद में कोई रिस्पॉन्स न आने पर नाराजगी भी जाहिर की थी।
जमानत मिली लेकिन इन शर्तों के साथ
कोर्ट ने राणा दंपति को जमानत तो दी है लेकिन कई तरह की शर्तें भी लगाई हैं। बाहर आने के बाद राणा दंपती भविष्य में इस तरह का कोई और विवाद नहीं करेंगे। सबूतों से किसी भी तरह से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और न ही इस पूरे मामले को लेकर कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पाएंगे। इससे पहले नवनीत राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने मुंबई से बाहर जाने की कंडीशन को लेकर बताया कि अभी तक हमारे पास आदेश का केवल ऑपरेटिव पोर्शन आया है। अमरावती जा सकेंगे कि नहीं, इस बारे में ऑर्डर की कॉपी के बाद ही जाना जा सकेगा।
किस मामले में सजा
फिछले महीने लाउडस्पीकर विवाद के बाद राणा दंपत्ति ने मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किया था। जिसके विरोध करने हजारों की संख्या में शिवसैनिक उनके घर बाहर जमा हो गए। वहीं भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने राणा दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट में पेश कर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया था। राणा दंपती पर IPC की धारा 15 ए, 353 के साथ बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 135 के तहत FIR दर्ज हैं। इसके अलावा 124 ए यानी राजद्रोह का भी केस दर्ज किया गया है।
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