इस गांव में जमीन के अंदर से आ रही रहस्यमयी आवाजें, गांव वालों से लेकर वैज्ञानिक भी हैरान

महाराष्ट्र के एक गांव में जमीन के अंदर से रहस्यमयी आवाजें सुनी जा रही हैं। इस घटना से न सिर्फ गांव बल्कि आसपास के जिले के लोग भी हैरत में हैं। फिलहाल वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने की कोशिश में जुटे हुए हैं कि ये आवाजें कैसे और क्यों आ रही हैं? 

Mysterious underground Sound: भारत में ऐसी कई चीजें हैं, जो आज भी रहस्य हैं। इनमें लेपाक्षी मंदिर से लेकर ज्वालादेवी के मंदिर तक कई चीजें शामिल हैं। इसी बीच महाराष्ट्र के एक गांव में जमीन के अंदर से रहस्यमयी आवाजें सुनी जा रही हैं। इस घटना से न सिर्फ गांव बल्कि आसपास के जिले के लोग भी हैरत में हैं। फिलहाल वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने की कोशिश में जुटे हुए हैं कि ये आवाजें कैसे और क्यों आ रही है? 

जानें कहां का है मामला?
जिस गांव में यह रहस्यमयी आवाजें आ रही हैं, वह महाराष्ट्र के लातूर जिले में है, जिसका नाम हसोरी है। यह गांव नीलांगा तहसील में स्थित किलारी गांव से 28 किलोमीटर दूर है। 29 साल पहले 1993 में लातूर में भीषण भूकंप आया था, जिसमें 9,700 लोगों की मौत हो गई थी। 

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एक्सपर्ट्स की टीम जल्द पहुंचेगी गांव में : 
जिला अधिकारियों ने भारतीय भू-चुंबकत्व संस्थान के विशेषज्ञों से घटनास्थल का अध्ययन करने के लिए गांव का दौरा करने की अपील की है। अधिकारियों के मुताबिक ये रहस्यमयी आवाजें 6 सितंबर से सुनी जा रही हैं। ग्रामीणों की शिकायत के बाद लातूर के जिला कलेक्टर पृथ्वीराज बीपी ने मंगलवार 13 सितंबर को गांव का दौरा किया। कलेक्टर पृथ्वीराज बीपी ने गांव का दौरा करने के बाद कहा कि नांदेड़ के स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों का एक दल जल्द ही गांव का दौरा करने वाला है। 

महाराष्ट्र में पहले भी आ चुका इस तरह का मामला : 
महाराष्ट्र में पहले भी इस तरह का एक मामला सामने आ चुका है। फरवरी 2020 में महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के बोथी गांव में जमीन के नीचे से भारी गड़गड़ाहट की आवाजें सुनी गई थीं। ये आवाजें सुनकर गांव के लोग घर से बाहर निकल इधर-उधर भागने लगे थे। हालांकि, वो तब हैरान रह गए जब उन्हें पता चला कि ये कोई भूकंप नहीं है। 

तो क्या इस वजह से जमीन के नीचे से आ रही थी आवाज?
जमीन के नीचे से गड़गड़ाहट की वजह बताते हुए वैज्ञानिक अरुण बापट ने कहा था कि बोथी और उसके आसपास का इलाका घाटी वाला है। यहां पानी के कई स्रोत्र हैं। यहां पानी ऊंचे स्थान से अंडाकार घाटी में आकर जमीन के नीचे इकट्ठा होता है। इसके साथ ही यहां जमीन में काफी गड्ढे हैं। ऐसे में कई बार जमीन के नीचे सोखा हुआ पानी निर्वात में छोटे-छोटे कणों के तौर पर रहता है। कई बार जब जमीन का तापमान अचानक बढ़ता है तो निर्वात में पानी के कण भाप के बादल बन जाते हैं। ये बादल जब जमीन के नीचे इधर-उधर होते हैं तो गड़गड़ाहट की आवाज करते हैं। 

(फाइल फोटो)

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