दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्रालय की है। महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने जांच की मांग की कि क्या गृह मंत्री राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति को संभाल नहीं पाए या उन्होंने कथित तौर पर पुलिस को निर्देश दिए थे कि त्वरित प्रतिक्रिया नहीं दे।
मुम्बई. राकांपा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि दिल्ली में ‘‘गुजरात मॉडल’’ की पुनरावृत्ति की गई है जहां सीएए को लेकर बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई। पार्टी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा भी मांगा है।
विपक्ष का आरोप दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही
दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्रालय की है। महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने जांच की मांग की कि क्या गृह मंत्री राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति को संभाल नहीं पाए या उन्होंने कथित तौर पर पुलिस को निर्देश दिए थे कि त्वरित प्रतिक्रिया नहीं दे। विपक्षी दलों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय राजधानी में दंगों के दौरान वह मूकदर्शक बनी रही जहां दंगों में मरने वालों की संख्या 34 हो गई है।
कांग्रेस शाह का इस्तीफा पहले ही मांग चुकी है
मलिक ने कहा कि दिल्ली में गुजरात मॉडल की पुनरावृत्ति हुई है। उनका इशारा संभवत: 2002 के गुजरात दंगों की ओर था। मलिक ने कहा कि क्या गृह मंत्री दिल्ली में स्थिति को नहीं संभाल सके या उन्होंने खुद ही पुलिस को निर्देश दिए थे? इसकी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।उन्होंने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से इस्तीफा देने और भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर कार्रवाई करने की मांग की।
हम NRC महाराष्ट्र में लागू नहीं होने देंगे- NCP
इस बीच मलिक ने कहा कि मुंबई राकांपा एक मार्च को पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित करेगी। उन्होंने कहा कि बैठक में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल शामिल होंगे। संशोधित नागरिकता कानून के बारे में मलिक ने कहा कि कानून को लागू करने का अधिकार केंद्र के पास है न कि राज्य सरकार के पास। उन्होंने कहा, ‘‘बहरहाल, हम एनआरसी महाराष्ट्र में लागू नहीं करेंगे।’’
शिवसेना नीत गठबंधन सरकार में राकांपा दूसरी सबसे बड़ी घटक दल है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)