स्वप्नाली और उनके भाई लॉकडाउन में अपने गांव दारिस्ते में हैं। यह एक पिछड़ा गांव हैं। आसपास नेटवर्क नहीं आता। इसलिए स्वप्नाली ने ऐसी जगह ढूंढना शुरू की, जहां से नेटवर्क मिले। उन्हें यह पहाड़ी मिली। हालांकि उनके परिजन बेटी को घर से 2 किमी दूर जंगल में झोपड़ी बनाकर पढ़ाई जारी रखने को राजी नहीं थे। लेकिन बेटी की जिद के आगे उनकी एक नहीं चली। आगे पढ़िए...फूट-फूटकर रो रही थी छात्रा, सोनू सूद ने किया ट्वीट-'आंसू पोंछ ले बहन, किताबें भी नई होंगी...घर भी नया होगा'