
औरंगाबाद (महाराष्ट्र): मुगलों के समय के प्रसिद्ध स्मारक तथा 17वीं शताब्दी में निर्मित ‘‘बीबी का मकबरा’’ का जीर्णोद्धार किया जाएगा और अब यह नये रंग रूप में दिखेगा । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी ने प्रेट्र को बताया कि मकबरे के गुंबद और संगमरमर के अन्य हिस्से का ‘‘वैज्ञानिक संरक्षण’’ किया जाएगा अधिकारी ने बताया कि इस काम के लिए करीब 45 लाख रुपये का खर्चा आएगा ।
इस स्मारक को ‘डेक्कन का ताज’ के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसे देखने से ताजमहल की अनुभूति होती है। इसका निर्माण 1860 में मुगल बादशाह औरंगजेब ने अपनी पत्नी दिलरास बानो बेगम की याद में करवाया था । पुरातत्व उपाधीक्षक श्रीकांत मिश्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि संगमरमर के बने इसके गुम्बद और मीनार तथा अन्य हिस्सों का वैज्ञानिक संरक्षण किया जाएगा।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
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