पात्रा चॉल घोटाला मामले में हुई मनी लॉन्डिंग की जांच कर रही ईडी की टीम ने गुरुवार को संजय राउत को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आगे की पूछताछ के लिए संजय राउत की ईडी हिरासत 8 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है।
मुंबई। पात्रा चॉल घोटाला में गिरफ्तार शिवसेना नेता संजय राउत की ईडी हिरासत कोर्ट ने 8 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने संजय राउत को चार अगस्त तक के लिए ईडी की हिरासत में भेजा था। ईडी की टीम ने गुरुवार को संजय राउत को कोर्ट में पेश किया और पूछताछ के लिए हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग की।
ईडी ने कोर्ट को बताया कि संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के बैंक अकाउंट में बड़े ट्रांजेक्शन का पता चला है। इसके बारे में पूछताछ करनी है। इसके साथ ही ईडी ने कोर्ट को बताया कि पात्रा चॉल घोटाला से जुड़े कई और लोगों को पूछताछ के लिए समन भेजा गया है। उनके सामने संजय राउत को बिठाकर पूछताछ करनी है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि संजय राउत के बैंक अकाउंट में पहले 1 करोड़ 6 लाख रुपए के ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली थी। इसके बाद दो और ट्रांजेक्शन (1.08 करोड़ रुपए और 1.15 करोड़ रुपए) का भी पता चला है।
ED ने संजय राउत को बताया है मुख्य साजिशकर्ता
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ED ने कोर्ट को बताया है कि संजय राउत पात्रा चॉल स्कैम के मुख्य साजिशकर्ता हैं। इस घोटाले में पहले से गिरफ्तार प्रवीण राउत को संजय राउत का खास माना जाता है। रविवार को ईडी की टीम ने संजय राउत के घर पर रेड किया था। करीब 9 घंटे चली पूछताछ और तलाशी के बाद संजय राउत को अरेस्ट किया गया था।
संजय राउत को मिले थे पैसे
कहा जा रहा है कि प्रवीण को संजय राउत के करीबी होने के चलते महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) से मंजूरी मिली थी। इस मामले में प्रवीण ने अवैध तरीके से करीब 112 करोड़ रुपए लिए थे। इसमें से 1 करोड़ 6 लाख रुपए संजय राउत और उनकी फैमली को ट्रांसफर किए गए थे। माना जा रहा है कि यह रकम और ज्यादा हो सकती है।
1034 करोड़ रुपए का है घोटाला
गौरतलब है कि पात्रा चॉल जमीन घोटाला 1,034 करोड़ रुपए का है। मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के री डेवलपमेंट के नाम पर घोटाला किया गया था। ईडी ने बताया था कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पात्रा 'चॉल'के री डेवलपमेंट में शामिल था। गुरु आशीष हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की सहायक कंपनी है। 47 एकड़ में फैले महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) में 672 किरायेदार रह रहे थे।
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गुरु आशीष ने चॉल को फिर से विकसित करने के लिए किरायेदारों और म्हाडा के साथ ट्री पार्टीज एग्रीमेंट किया था। इसके तहत डेवलपर को 672 किरायेदारों को फ्लैट देना था और म्हाडा के लिए फ्लैट विकसित करना था। इसके बाद बचे एरिया को डेवलपर बेच सकता था। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के निदेशकों ने म्हाडा को गुमराह किया और नौ डेवलपर्स को एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) बेच दिया। 672 विस्थापित किरायेदारों और म्हाडा हिस्से के लिए निर्माण किए बिना लगभग 901.79 करोड़ रुपए जुटा लिए। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों द्वारा अवैध गतिविधियों के माध्यम से करीब 1,039.79 करोड़ रुपए जुटाए। बाद में इस ब्लैक मनी का एक हिस्सा करीबी सहयोगियों को ट्रांसफर कर दिया।
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