सार
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ में मामले की सुनवाई हो रही है। एकनाथ शिंदे ने खुद के गुट को असली शिवसेना बताया है। इसके लिए चुनाव आयोग में याचिका दायर की गई है।
नई दिल्ली/मुंबई. महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई में उद्धव ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। गुरुवार को एकनाथ शिंदे और उद्धव गुट की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चुनाव आयोग को कहा है कि अभी शिंदे खेमे की याचिका पर कोई फैसला नहीं किया जाए। वहीं, कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को करेगा। बता दें कि इससे पहले बुधवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शिंदे खेमे को फटकार लगाते हुए कहा था कि हमने 10 दिन के लिए सुनवाई क्या टाली अपने सरकार ही बना ली।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ में मामले की सुनवाई हो रही है। शिवसेना और बागी विधायकों द्वारा दायर याचिकाओं में पार्टी के विभाजन, विलय, बगावत और अयोग्यता को लेकर उठाए गए संवैधानिक सवालों पर सुनवाई हो रही है। इस मामले मे बुधवार को कोर्ट ने शिंदे गुट को नए शिरे से जवाब दाखिल करने को कहा था।
कौन कर रहा है किसकी पैरवी
बता दें कि उद्धव ठाकरे की तरफ से सीनियर वकील कपिल सिब्बल दलीलें दे रहे हैं। जबकि शिंदे गुट का केस सीनियर वकील हरीश साल्वे के पास है। साल्वे ने कोर्ट में अपनी दलील देते हुए कहा था कि- एकनाथ शिंदे ने पार्टी नहीं छोड़ी है। जब कोई विधायक पार्टी छोड़ता है तब अयोग्यता और दल-बदल कानून सामने आता है। यहां ऐसा नहीं है और ऐसे में किसी को भी अयोग्य नहीं माना जा सकता है।
कोर्ट ने कहा था पहले आप आए थे
इस मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को फटकार लगाते हुए कहा था कि मामले को लेकर पहले सुप्रीम कोर्ट में आप आए थे। आप हाईकोर्ट भी जा सकते थे। जिसके जवाब में हरीश साल्वे ने कहा था कि मामला ही ऐसा था कि हमें सुप्रीम कोर्ट आना पड़ा। वहीं, कोर्ट ने इसके बाद कहा था कि आप ने जो लिखकर दिया है उससे क्लियर नहीं है कि मुद्दा क्या है। आप फिर से लिखित में अपना जवाब दीजिए।
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