महाराष्ट्र के पुणे से एक मां-बाप की ऐसी क्रूरता सामने आई है, जो बेहद शर्मनाक है। जहां उन्होंने अपने ही बेटे को 22 कुत्तों के साथ फ्लैट में दो साल तक कैद कर रखा था। बच्चा दिन-रात उनके बीच रहकर उनकी ही तरह ही हरकतें करने लगा था।
पुणे (महाराष्ट्र). आए दिन आवारा कुत्तों के आतंक की खबरें आती रहती हैं, किस तरह वह खेलते बच्चों को अपना शिकार बना लेते हैं। इनके खौफ के चलते माता-पिता अपने बच्चों को अकेला घर से बाहर नहीं निकलने देते हैं। लेकिन महाराष्ट्र के पुणे से एक मां-बाप की ऐसी क्रूरता सामने आई है, जो डरावनी और चौंकान वाली है। जिन्होंने अपने ही बेटे को 22 कुत्तों के साथ छोटे से फ्लैट में दो साल तक रहने के लिए मजबूर कर दिया। बच्चा दिन-रात उनके बीच रहकर उनकी ही तरह ही काटने की आदत सीख गया।
मासूम की हालत देख पड़ोसी भी डरे-सहमे रहते
दरअसल, हैरान कर देने वाला यह मामला पुणे के कोंढवा इलाके का है। जहां कुछ दिन पहले एक कृष्णाई बिल्डिंग के रहवासियों ने चाइल्ड लाइन संगठन को इस बात की जानकारी दी। पड़ोंसियों ने बताया कि एक 10 से 11 साल का बच्चा दिनभर अपने फ्लैट के गैलरी में बैठा रहता है। वहीं उसी फ्लैट से 20 से 25 कुत्तों की भोंकने की आवाजे भी आती रहती हैं। जबकि मासूम के माता-पिता दिनभर अपने काम से बाहर रहते हैं और उनका बेटा इन कुत्तों के बीच रहता है।
बच्चे के पास पहुंची पुलिस, कमरे का हाल देखकर रह गई दंग
चाइल्ड लाइन संगठन की अनुराधा सहस्रबुद्धे इसकी जानकारी लोकल पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस एक्शन में आई और चाइल्ड लाइन की मदद से स्पॉट पर पहुंची। जब टीम ने घर का मुआयना किया, तब 11 वर्षीय बालक घर में कुत्ते के साथ मिला। उसके आसपास आवारा कुत्तों की काफी गंदगी थी। बच्चे को कुत्तों के बीच से निकालकर बाल सुधार गृह में भेज दिया। वहीं आरोपी माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया।
कुत्तों की तरह हरकतें करने लगा था बच्चा
मामले की जांच कर रहे वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सरदार पाटिल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि आरोपी दंपत्ति का नाम संजय लोधरिया और शीतल लोधरिया है। जिन्होंने पने घर में 20 से 22 कुत्ते भी पाल रखे हैं। उन्होंने यह कुत्ते सड़क से उठाकर घर में पाले हैं। जिनको उन्होंने अपने 1 बीएचके फ्लैट में बंद कर रखे थे, साथ में अपने 11 साल के बेटे को भी इनके बीच कैद कर रखा था। पड़ोसियों ने बताया कि लंबे समय तक कुत्तों के साथ रहने के बाद बच्चा भी उन्ही की तरह हरकतें करने लगा। जब वह दो साल बाद स्कूल गया तो अपने साथ पढ़ने वाले बच्चों को कुत्ते की तरह काटने लगा था। इतन ही नहीं दिनभर वह गैलरी में बैठकर डॉग की तरह करता रहता था।