इंसान हों या जानवर, शारीरिक विकलांगता सबके जीवनयापन में दिक्कत पैदा करती है। इस गाय का एक अगला पैर घुटने के नीचे से कटा हुआ था। गोशाला में रहने वाली यह गाय तीन पैरों पर लड़खड़ाते हुए चलकर जैसे-तैसे अपने चारे-पानी तक पहुंच पाती थी। किसी दिन गोशाला में एक फार्मासिस्ट का आना हुआ। उसने गाय को देखा, तो भावुक हो उठा। अंतत: उसने गाय को कृत्रिम पैर लगवा दिया।
पुणे, महाराष्ट्र. इंसान हों या जानवर, शारीरिक विकलांगता सबके जीवनयापन में दिक्कत पैदा करती है। इस गाय का एक अगला पैर घुटने के नीचे से कटा हुआ था। गोशाला में रहने वाली यह गाय तीन पैरों पर लड़खड़ाते हुए चलकर जैसे-तैसे अपने चारे-पानी तक पहुंच पाती थी। किसी दिन गोशाला में एक फार्मासिस्ट का आना हुआ। उसने गाय को देखा, तो भावुक हो उठा। अंतत: उसने गाय को कृत्रिम पैर लगवा दिया। अब यह गाय ठीक से चल पा रही है। हालांकि उसे कृत्रिम पैर का आदी होने में महीनेभर लगेंगे।
गाय को खड़े देखकर भावुक हुई टीम...
अमर जगताप एक फार्मासिस्ट हैं। एक दिन वे पुणे-सोलापुर स्थित एक गोशाल गए थे। यहां उन्हें यह गाय दिखी। एक पैर नहीं होने से वो अकसर बैठी रहती थी। विकलांग गाय को देखकर जगताप इमोशनल हो गए। उन्हेांने संचेती अस्पताल से संपर्क किया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और अब अस्पताल के डॉ.सलिल जैन के नेतृत्व में एक टीम ने गाय को कृत्रिम पैर लगाया। जैसे ही गाय कृत्रिम पैर की मदद से खड़ी हुई, यह देखकर टीम भावुक हो गई।
बच्चों की तरह करनी होगी देखभाल...
डॉ. सलिल जैन ने बताया कि गाय की अभी किसी बच्चे की तरह देखभाल करनी होगी। उसे कृत्रिम पैर का आदी होने में महीनाभर लगेगा। इसके बाद वो आसानी से चल-फिर सकेगी।