स्कूल में किडनी पेशेंट छात्र को दी 100 उठक बैठक लगाने की सजा, 93 करते ही दर्द से तड़प उठा

यह शॉकिंग मामला महाराष्ट्र के पुणे स्थित महावीर इंग्लिश मीडियम स्कूल का है। घटना 18 नवंबर की है। उठक-बैठक की सजा से बच्चे की तबीयत बिगड़ गई और फिर हंगामा हो गया। पुलिस ने टीचर और बाउंसरों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 21, 2019 7:50 AM IST / Updated: Nov 21 2019, 02:45 PM IST

पुणे(महाराष्ट्र). यह जानते हुए कि बच्चा सिर्फ एक किडनी पर जीवित है, स्कूल में उसे कड़ी सजा सुनाई गई। उससे 100 उठक-बैठक लगाने को कहा गया। सजा के दौरान बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। अब मामला पुलिस तक पहुंच गया है। घटना 18 नवंबर को महावीर इंग्लिश मीडियम स्कूल की है। यहां मामूली गलती पर बच्चे को बाउंसरों ने उठक-बैठक लगाने को कहा। बच्चा 10वीं का छात्र का है। वो अपनी हिंदी की किताब घर पर भूल आया था। बच्चे ने उठक-बैठक लगाना शुरू कीं। लेकिन 93 उठक-बैठक के बाद उसके पेट में जोर का दर्द उठने लगा। उसने अपनी पीड़ा बाउंसरों को बताई, लेकिन उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। उसे सजा पूरी करने को कहा गया।

बच्चा जैसे-तैसे स्कूल से घर पहुंचा। उसकी हालत देखकर मां घबरा उठी। जब पूछा गया, तो उसने सारी बात बता दी। इसके बाद परिजन थाने पहुंचे और स्कूल की टीचर और बाउंसरों के खिलाफ FIR दर्ज करा दी। बच्चे की मां ने बताया कि वे अगले दिन यानी 19 नवंबर को स्कूल की प्रिंसीपल से मिली थीं। प्रिंसीपल ने बाउंसरों को हटाने का आश्वासन दिया था। लेकिन कुछ नहीं हुआ। बताते हैं कि पीड़ित के छोटे भाई को भी कुछ महीने पहले बाउंसरों ने इसी तरह की सजा दी थी। तब भी परिजनों ने बाउंसरों को हटाने की मांग की थी।

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प्रिंसीपल का तर्क है कि स्कूल में अनुशासन बनाए रखने के लिए बाउंसर तैनात किए गए हैं। सजा भी जरूरी है। प्रिंसीपल ने सफाई दी कि बच्चे को सिर्फ 15-20 उठक-बैठक लगाने को बोला गया था। जब उसे पेट में दर्द हुआ, तो सजा रोक दी गई थी। प्रिंसीपल ने कहा कि बाउंसरों को हटाने का फैसला मैनेजमेंट को लेना है।

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