बीजेपी ने अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए मुर्जी पटेल को प्रत्याशी बनाया है। एकनाथ शिंदे गुट शिवसेना का बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन है। राज ठाकरे के पत्र का अभी बीजेपी ने कोई जवाब नहीं दिया है। हालांकि, बीजेपी प्रत्याशी मुर्जी पटेल ने कहा है कि अगर पार्टी ने उनसे कहा तो वह दौड़ से हटने को तैयार हैं।
Raj Thackeray letter to Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र के फॉयर ब्रान्ड लीडर व बाला साहेब ठाकरे के भतीजा राज ठाकरे ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लेटर लिखकर अंधेरी पूर्व उपचुनाव में शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट की प्रत्याशी रुतुजा लटके के खिलाफ कोई प्रत्याशी न उतारने को कहा है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने पत्र में कहा कि रुतुजा लटके अपने दिवंगत पति रमेश लटके के स्थान पर चुनाव लड़ रही हैं। बीजेपी को उनके खिलाफ प्रत्याशी न उतारकर उदारता का परिचय देना चाहिए। महाराष्ट्र की परंपरा रही है कि दिवंगत व्यक्ति के परिजन के खिलाफ उपचुनाव में प्रत्याशी कोई दल नहीं उतारता है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसा करके हम लोगों के दिवंगत प्रतिनिधि को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
लेटर में राज ठाकरे ने की रमेश लटके की तारीफ
पत्र में उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई व मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस को प्रिय मित्र देवेंद्र कहकर संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि रमेश लटके की विधवा रुतुजा लटके के खिलाफ बीजेपी कोई प्रत्याशी न उतारे। ऐसा करना हमारे महाराष्ट्र की महान संस्कृति के अनुरूप भी है। मुझे उम्मीद है कि आप मेरे अनुरोध को स्वीकार करेंगे। राज ने लिखा है कि रमेश लटके एक अच्छे कार्यकर्ता थे। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत शाखा प्रमुख के पद से की थी। मैं उनकी राजनीतिक यात्रा का गवाह हूं। उनकी मृत्यु के बाद, अगर उनकी पत्नी विधायक बनती हैं तो रमेश की आत्मा को शांति मिलेगी।
बीजेपी ने नहीं दिया है पत्र का जवाब
बीजेपी ने अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए मुर्जी पटेल को प्रत्याशी बनाया है। एकनाथ शिंदे गुट शिवसेना का बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन है। राज ठाकरे के पत्र का अभी बीजेपी ने कोई जवाब नहीं दिया है। हालांकि, बीजेपी प्रत्याशी मुर्जी पटेल ने कहा है कि अगर पार्टी ने उनसे कहा तो वह दौड़ से हटने को तैयार हैं।
बीएमसी में क्लर्क थीं रुतुजा लटके
श्रीमती रुतुजा लटके बृहन्मुंबई निगम में क्लर्क के रूप में काम करती थीं। लेकिन विधायक पति की मौत के बाद वह शिवसेना उद्धव गुट की प्रत्याशी हैं। हालांकि, पर्चा दाखिला के पहले उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा था। इस्तीफा नहीं स्वीकार करने की वजह से श्रीमती लटके को हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा था। हाईकोर्ट ने नामांकन खत्म होने के एक दिन पहले लटके का इस्तीफा स्वीकार करने का आदेश दिया था। अदालत के आदेश के बाद ही अपना नामांकन दाखिल किया।
राज ठाकरे अलग हो चुके हैं उद्धव व शिवसेना से
दरअसल, उद्धव ठाकरे के साथ मतभेदों के बाद से राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़ दी थी। बाला साहेब ठाकरे के कार्यकाल के दौरान राज ठाकरे बेहद सक्रिय नेता थे और उनमें बाल ठाकरे की छवि देखी जाती थी। लेकिन उन्होंने 2006 में शिवसेना छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की नींव रखी थी। हालांकि, मनसे को कोई खास सफलता नहीं मिली। वह शिवसेना का कोई नुकसान भी नहीं कर सकी।
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